भारत के सर्वप्रथम रेलवे स्टेशन का क्या है नाम, वह कहाँ स्थित है, और क्या है उसका इतिहास?

न्यूज़ डेक्स। भारतीय रेल का इतिहास 168 साल पुराना है। इसकी शुरूआत भारत में अंग्रेजों के शासन काल से हुई। भारतीय रेलवे ने सबसे पहली ट्रेन 18वीं सदी में चलाई गई। देश में पहली रेल 16 अप्रैल 1853 को बंबई के बोरी बंदर स्टेशन जो कि अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन में लगभग 400 यात्रियों ने सफर किया था। पहली ट्रेन ने लगभग 34 किलो मीटर लंबे रेलखंड पर सफर तय किया था। भारत में उस समय ट्रेन की शुरूआत देश की एक बड़ी उपलब्धि थी। पहली ट्रेन को भाप के इंजन के जरिये चलाया गया था।

भारत की सबसे पहली हैरिटेज ट्रेन का नाम “फेयरी क्वीन” था। इस ट्रेन में विश्व का सबसे पुराना भाप इजंन लगाया गया था जिसका निर्माण सन् 1855 में ब्रिटेन की कंपनी किटसन ने किया था। साल 1997 के बाद इस ट्रेन को हैरिटेज ट्रेन के रूप में चलाया जाने लगा। इस ट्रेन में सफर करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

सन् 1881 को पूर्वोत्तर में पहली बार आधिकारिक तौर पर “टॉय ट्रेन” चली। ये ट्रेन दो फुट चौड़े नैरो गेज ट्रेक पर चलती है और इसकी रफ्तार बहुत कम होती है। इस ट्रेन को यूनेस्को से वल्र्ड हैरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है। ये खिलौना ट्रेन भारत के सबसे ऊंचे रेलवे स्टेशन घूम तक जाती है।

हिंदुस्तान की आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान का बंटवार हुआ, जिसमें 14 अगस्त 1947 को रेल नेटवर्क भी दोनों देशों के बीच बंट गया। आजादी के चार साल बाद 1951 में रेलवे का इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। फिलहाल भारतीय रेलवे लगभग 14 लाख कर्मचारियों के साथ दुनिया में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला विभाग है।

1909 में ट्रेनों में यात्रियों के लिए टॉयलेट की सुविधा शुरू की गई। पश्चिम बंगाल के एक यात्री ओखिल चंद्र सेन ने रेलवे स्टेशन को एक चिट्ठी लिख कर शिकायत की थी कि वह लघुशंका के लिए गए थे और इसी दौरान उनकी ट्रेन उन्हें छोड़ कर चली गई। रेलवे ने इनकी शिकायत का सुनवाई करते हुए सभी डिब्बों में यात्रियों के लिए टॉयलेट की सुबिधा शुरू की थी । इससे पहले ट्रेनों में शौचालय नहीं हुआ करते थे और वर्ष 1891 में केवल प्रथम श्रेणी के डिब्बों को इस सुविधा से जोड़ा गया था।

भारतीय रेलवे के नाम कई तरह के वर्ल्ड रिकार्ड भी दर्ज हैं। इस समय विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भारत की चिनाब नदी पर बन रहा है। सिविल इंजीनियरिंग के चमत्कार का आश्चर्य है कि यह पुल पूरा बनने के बाद पेरिस के एफिल टावर को भी ऊंचाई के मामले में पीछे छोड़ देगा। इस समय भारत में लगभग 115,000 किलोमीटर लंबें रेल ट्रेक का जाल फैला है। भारतीय रेलवे अमरीका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। भारतीय रेलवे में लगभग 16 लाख लोग कार्य करते हैं। इस तरह यह दुनिया का 9वां सबसे बड़ा नौकरी देने वाला विभाग है।

भारतीय ट्रेनों में प्रतिदिन 2.5 करोड़ लोग यात्रा करते हैं। भारत में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 7,500 रेल्वे स्टेशन हैं। उत्तरप्रदेश के लखनऊ का चारबाग स्टेशन अन्य रेल स्टेशनों से अलग अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इसके अतिरिक्त नई दिल्ली के मेन स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी दर्ज किया गया है। विश्व का सबसे लंबे प्लेटफॉर्म का रिकॉर्ड भी भारतीय रेलवे के ही नाम है। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर स्थिति स्टेशन प्लेटफॉर्म की लंबाई 1366.33 मीटर है। भारतीय रेलवे का मस्कट भोलू नामक हाथी है। यह हाथी बतौर गॉर्ड तैनात है।

भारतीय रेलवे इन दिनों सेमी बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसकी शुरूआत जल्द होने की उम्मीद है। सेमी बुलेट ट्रेन 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। वैसे साल 1988 में दिल्ली और भोपाल के बीच शताब्दी एक्सप्रेस शुरू की गई। इसकी रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा थी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जन्मशती पर इसे शुरू किया गया था।

देश की सबसे ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस साल 1988 में दिल्ली और भोपाल के बीच चलाई गई। इसकी रफ्तार150 किलोमीटर प्रति घंटा थी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जन्मशती पर इसे शुरू किया गया था।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.