बिहार विधानसभा चुनाव : चुनाव आयोग ने मानी मीडिया की सलाह, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए घर तक पहुंचाए जाएंगे डाक मतपत्र

नई दिल्‍ली। कोरोना काल में चुनावों ने कुछ तो बेहतर करने का सोचा, यह भी एक अच्छी पहल ​कही जा सकती है। कोरोना काल के दौरान अन्य देशों ने जिस तरह का उदाहरण पेश किया है, भारत भी उससे कुछ बेहतर सीखने की कोशिश कर रहा है, यह सब सुकून और राहत पहुंचाने वाली खबर कही जा सकती है।

चुनाव आयोग ने दिए कुछ निर्देश

ज्ञात हो कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए चुनाव आयोग ने कुछ निर्देश दिए हैं। उनमें से एक 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांगों के मतदान को लेकर दिए गए नए निर्देश भी हैं, जो वाकई सराहनीय हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नए निर्देश में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए डाक मतपत्रों ​के चयन की प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाया गया है। नए निर्देशों के मुताबिक, मतदान केंद्र स्तर के अधिकारी (BLO) 80 साल से ज्‍यादा उम्र के सभी लोगों और दिव्यांगों के घरों तक डाक मतपत्रों के चयन के लिए जरूरी फॉर्म पहुंचाएंगे।

मतदाता चुन सकते हैं डाक मतपत्र का विकल्प

निर्वाचन आयोग की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, यदि मतदाता डाक मतपत्र का विकल्प चुनते हैं तो BLO अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर मतदाता के घर से भरा हुआ फॉर्म 12-D एकत्र कर निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जमा करेगा। निर्वाचन आयोग की ओर से तीन अक्टूबर को सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए दिशा-निर्देश में यह बात कही गई है।

मीडिया से मिले सुझावों के आधार पर उक्‍त दिशानिर्देश जारी

निर्वाचन आयोग ने नागरिक संगठनों और मीडिया से मिले सुझावों के आधार पर उक्‍त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उक्‍त निर्देश आने वाले सभी चुनावों और उप-चुनावों में लागू होंगे। इनमें देश के अलग अलग राज्‍यों में 56 विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव भी शामिल हैं।

निर्वाचन अधिकारी मतदान टीम करेंगे तैनात

निर्वाचन आयोग की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, निर्वाचन अधिकारी यानी आरओ (क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी) मतदान टीम तैनात करेंगे, जो पूर्व-सूचित तारीखों पर डाक मतपत्र वितरित करेगी। यही टीम 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांगों के यहां से डाक मतपत्र जमा भी करेगी। साथ ही आरओ यानी क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी को सौंपेगी। बता दें कि कोरोना संकट के चलते बुजुर्गों और दिव्यांगों की सहूलियत को ध्‍यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

बालाकृष्णन को विशेष पर्यवेक्षक बनाया

उल्‍लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल और अधिक खर्च पर निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग ने दो विशेष व्यय पर्यवेक्षक कर नियुक्ति भी की है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में बीते चार अक्‍टूबर को यह आदेश जारी किया। आयोग ने पूर्व IAS अधिकारी मधु महाजन और पूर्व IAS अधिकारी बालाकृष्णन को विशेष पर्यवेक्षक बनाया है।

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