गोबर से बने दीयों के उपयोग के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग चलाएगा कामधेनु दीपावली अभियान

नई दिल्ली। दीपावली पर चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार सुनिश्चित करने और गाय के गोबर से निर्मित दीयों और भगवान गणेश एवं लक्ष्मी की प्रतिमाओं सहित अन्य सामग्रियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने सोमवार को‘‘कामधेनु दीपावली अभियान’’ चलाने की घोषणा की। आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ‘गोमय गणेश अभियान’ की सफलता से उत्साहित होकर आयोग ने ‘गोमय दीपक’ को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए यह अभियान चलाने का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस अभियान के तहत आयोग दीपोत्सव के दौरान गोबर एवं पंचगव्य के बहुआयामी उपयोग को प्रोत्साहित करने जा रहा है। दीप पर्व के लिए गोबर आधारित दीये, मोमबत्तियां, धूप, अगरबत्तियां, शुभ- लाभ , स्वास्तिक, समरानी, हार्डबॉर्ड, हवन सामग्री, भगवान गणेश एवं लक्ष्मी की प्रतिमाओं का निर्माण प्रारंभ हो चुका है।’’ आयोग की ओर से जारी एक बयान में दावा किया गया कि यह प्रयास गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और उम्मीद जताई गई कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना एवं स्वदेशी आंदोलन को प्रोत्साहन देते हुए चीन निर्मित दीयों का बहिष्कार सुनिश्चित करेगा।

आयोग ने देशभर में 11 करोड़ परिवारों के माध्यम से गोबर निर्मित 33 करोड़ दीप प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा है। बयान में कहा गया, ‘‘भगवान श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में 3 लाख दीये प्रज्वलित किये जायेंगे। इसी प्रकार पवित्र स्थल काशी में भी 1 लाख दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम है। समस्त शहर, गांव , कस्बे , घर भी गोबर निर्मित दीयों से जगमगाएंगे।

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