कैपिटल हाउस में उत्पात के बाद, अब ट्रंप समर्थकों ने दी उपराष्ट्रपति को उड़ाने की धमकी, अमेरिका में 20 जनवरी को क्या होने वाला है?, पूरी दुनिया सकते में
वाशिंगटन। ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ ये अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने नारा दिया था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है, कि ट्रंप के समर्थकों ने इसे एक वार क्राइम के तौर पर ले लिया है। चुनाव में हार के बावजूद जिस तरह से ट्रंप ने धांधली का आरोप लगाकर हार मानने से इनकार किया है, और 6 जनवरी को कैपिटल हाउस में ट्रंप के समर्थकों ने जिस तरह से दंगा किया है, और 20 जनवरी को जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन ट्रंप के समर्थकों ने जो उत्पात मचाने की धमकी दी है, उससे पूरी दुनिया में आशंका जताई जा रही है, कि आखिर 20 जनवरी को अमेरिका में क्या होने वाला है ?
पिछले चार सालों में डोनल्ड ट्रंप ने अपने कट्टर समर्थकों को इस तरह से रेडिकलाइज कर दिया है, कि अमेरिका में 6 दिसंबर को दंगा हो गया जिसमें एक पुलिस अफसर समेत 5 लोग मारे गये। लेकिन, अब ट्रंप के कट्टर समर्थकों ने खुली चेतावनी दे दी है, कि जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन वो बंदूकों के साथ आएंगे। अमेरिका में ऐसे हजारों ट्रंप समर्थक हैं, जो उनके लिए बंदूक उठाने के लिए भी तैयार हैं। आशंका तो ये भी जताई जा रही है, कि आने वाले एक महीने में अमेरिका में भीषण हिंसा होना तय है। जिसे देखते हुए अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गईं हैं।
ट्विटर ने पहले ही स्थायी तौर पर ट्रंप को बैन कर दिया है। और अब ट्रंप के कट्टर समर्थकों को चुन-चुनकर बैन किया जा रहा है। ट्विटर की तरह ही एक और सोशल साइट्स ‘पार्लर’ जिसपर ट्रंप के लाखों फॉलोअर्स हैं, पर खास निगरानी रखी जा रही है। ‘पार्लर’ पर ट्रंप के कट्टर समर्थक काफी हिंसा की बात कर रहे थे, यहां तक की ट्रंप के समर्थक उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स को गोलियों से भून देने की बात कर रहे हैं, क्योंकि, उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स ने जो बाइडेन के शपथ ग्रहण में शामिल होने की बात कह दी है।
सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है, कि अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी FBI ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है, कि ट्रंप के हथियारबंद समर्थक पूरे अमेरिका में अगले एक हफ्ते में भारी हिंसा कर सकते हैं। FBI के अलर्ट के बाद अमेरिका की राजधानी में किसी भी हिंसक घटना को रोकने के लिए नेशनल गार्ड के 10 हजार जवानों को तैनात किया गया है। वहीं, नेशनल गार्ड के 5 हजार जवानों को स्टैंड बाइ में रखा गया है। हालांकि, सेनेटर क्रिस मर्फी ने आशंका जताते हुए एक्टिंग सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने लिखा है, कि ”उन्हें नहीं लगता है, कि 15 हजार नेशनल गार्ड के जवान स्थिति को संभालने और राजधानी की सुरक्षा करने में सक्षम हो सकते हैं। लिहाजा, राजधानी की सुरक्षा के लिए एक्टिव ड्यूटी ट्रूप्स को बुलाया जाना चाहिए”
गुगल प्ले स्टोर, एप्पल और अमेजन ने पार्लर को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रंप के ‘रैबिट सपोर्टर्स’ की पहचान करनी शुरू कर दी है ट्रंप के संदिग्ध समर्थकों की पूरे अमेरिका में गिरफ्तारियां हो रही हैं मेन स्ट्रीम मीडिया ने हिंसा की बात करना पूरी तरह से बंद कर दिया ट्रंप के कट्टर समर्थकों को नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया गया है राजधानी वाशिंगटन में पर्यटकों के प्रवेश पर नजर रखी जा रही है
6 जनवरी को हुए हिंसा के लिए राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अभी तक माफी नहीं मांगी है। ना ही ट्रंप ने सुरक्षा एजेंसियों को सख्ती बरतने के लिए कहा है। हालांकि, 6 जनवरी के बाद ट्रंप ने खुद को आइसोलेट जरूर कर लिया है, लेकिन अभी तक उनका माफी नहीं मांगना, अफसोस जाहिर नहीं करना, हर किसी को हैरान कर रहा है। क्योंकि, 6 जनवरी को अमेरिका में जो कुछ भी हुआ, वो अमेरिकी लोकतंत्र पर दाग से कम नहीं है।
वहीं, अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देर रात ट्वीट कर कहा है, कि आने वाले 4 सालों में उनकी सरकार की प्राथमिकता देश में फिर से लोकतंत्र का सम्मान बहाल करने की होगी। वहीं, उन्होंने ये भी कहा, कि अगले चार सालों में देश में कानून का राज होगा, और उनकी सरकार नफरत को खत्म करने की दिशा में काम करेगी।