क्या है एंटीफा और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप क्यों इसे आतंकी संगठन घोषित करना चाहते हैं?

वाशिंगटन। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की भारी हिंसा और बवाल के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि एंटिफा (Antifa) को (एमएस-13 और अन्य के साथ) आतंकी संगठन घोषित करने के लिए विचार किया जा रहा है। ट्रंप ने हिंसा के पीछे वामपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है जिन्हें आमतौर पर एंट‍िफा कहा जाता है। उन्होंने ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, ”अमेरिका एंटिफा को आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित करेगा।” मिनीपोलिस में जॉर्ज फ्लोयड की मौत के बाद देश भर में हिंसक प्रदर्शनों के अचानक बढ़ने का आरोप ट्रंप प्रशासन ने इस वाम चरमपंथी समूह पर लगाया है।

अटॉर्नी जनरल विलियम पी बार ने एक बयान में कहा, ”एंटिफा और इस तरह के अन्य समूहों द्वारा की गई तथा भड़काई गई हिंसा घरेलू आतंकवाद है और इससे तदनुसार निपटा जाएगा।” अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने सीएनएन के साथ ‘संडे टॉक शो में कहा कि राष्ट्रपति और अटॉर्नी जनरल एफबीआई से जानना चाहते हैं कि वह एंटिफा से जुड़े लोगों का पता लगाने और उन पर अभियोग चलाने को लेकर क्या कर रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या है एंटिफा और क्यों अमेरिका के राष्ट्रपति इसे आंतकी संगठन घोषित करना चाहते हैं?

अमेरिका में फासीवाद के विरोधी लोगों को एंट‍िफा यान‍ी एंट‍ी-फास‍िस्‍ट कहा जाता है। अमेरिका में एंट‍िफा आंदोलन उग्रवादी, वामपंथी और फासीवादी विरोधी आंदोलन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये लोग नव-नाजी, नव-फासीवाद, श्वेत सुपीरियॉरिटी और रंगभेद के खिलाफ होते हैं और सरकार के विरोध में खड़े रहते हैं। इस आंदोलन से जुड़े लोग आमतौर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं, रैलियां करते हैं। लेक‍िन मौका आने पर हिंसा करने से भी नहीं बाज नहीं आते हैं। ‘एंटिफा’ से ऐसे कार्यकर्ता समूह जुड़े हैं जो अपने राजनीतिक उद्देश्य नीतिगत सुधारों की जगह प्रत्यक्ष कार्रवाई के इस्तेमाल से हासिल करना चाहते हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आलोचकों का यह मानना है कि अमेरिका के पास ऐसा कोई डोमेस्टिक टेररिज्म लॉ नहीं है और एंटिफा एक फासीवाद विरोधी शब्द है, न कि एक आतंकी संगठन जिसका कोई एक नेता है बल्कि, एंटिफा एक आंदोलन है जिसके फॉलोअर्स सिद्धांत और रणनीति साझा करते हैं।

इस संगठन के सदस्‍यों के बारे में पता लगाना आसान नहीं है। क्योंकि ज्‍यादातर लोग पुलिस कार्रवाई के कारण अपने बारे में खुलासा नहीं करते हैं। इनका कोई आधिकारिक नेता भी नहीं होता है। कहीं भी जब कोई रंगभेद से संबंधित विरोध प्रदर्शन का मामला आता है तो इसके सदस्य चुपचाप उस स्थान पर आंदोलन करने पहुंच जाते हैं। ये लोग अधिकतर काले कपड़े पहने होते हैं।

एंटीफा के सदस्य नव-नाजीवाद, नव-फासीवाद श्वेत वर्चस्ववादी और नस्लवाद का खुलकर विरोध करते हैं। इसके सदस्य दक्षिणपंथी नेताओं और इस विचारधारा का भी खुलकर विरोध करते हैं। दक्षिणपंथी कार्यकर्ता या नेताओं को रोकने के लिए चिल्लाना, भगदड़ मचाना और मानव श्रृंखला बनाना इनकी पसंदीदा रणनीति है। ये कई बार हिंसा और आगजनी पर भी उतर आते हैं।

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