निर्देशक अली अब्बास की वेब सीरीज ‘तांडव’ में भगवान शिव का अपमान, सोशल मीडिया पर लोगों ने जतायी आपत्ति, #BoycottTandav की उठी मांग
न्यूज़ डेस्क। हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान तो जैसे एक फैशन बन चुका है। हिन्दू बहुल इस देश में मुस्लिम या इसाई प्रतीकों की आलोचना करने से फिल्मकार कतराते हैं, लेकिन हिन्दू प्रतीकों के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकालते हैं। सैफ अली खान, डिम्पल कपाड़िया, मोहम्मद जीशान अयूब, सुनील ग्रोवर और कृतिका कामरा जैसे एक्टर्स की वेब सीरीज ‘तांडव’ शुक्रवार को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर इसका विरोध भी शुरू हो गया है। सीरीज पर भगवान शिव का अपमान कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लग रहा है। बताया जा रहा है कि यह सीरीज जेएनयू की कथित टुकड़े-टुकड़े गैंग का महिमामंडन कर रही है।
भगवान शिव का अपमान कैसे किया गया?
सोशल मीडिया पर वेब सीरीज का एक सीन वायरल हो रहा है। इसमें कॉलेज में हो रहे एक प्ले में मोहम्मद जीशान अयूब भगवान शिव की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। लेकिन इसे बड़े मजाकिया अंदाज में पेश किया गया है। इतना ही नहीं एकबारगी वे गाली देते भी सुने जा सकते हैं।
सोशल मीडिया यूजर्स ने ऐसे कमेंट्स किए
एक यूजर ने सीन शेयर करते हुए लिखा है, “अली अब्बास जफर तांडव के डायरेक्टर हैं, जो पूरी तरह उनके लेफ्ट विंग प्रोपेगेंडा पर आधारित है, टुकड़े-टुकड़े गैंग का महिमा मंडन करती है और जीशान अयूब को शिव की भूमिका में स्टेज पर गाली देते हुए दिखाया गया है। तांडव का बहिष्कार करें।”
Ali Abbas Zafar is the Director of #Tandav totally based on his LW propaganda, glorifying Tukde Tukde gang n also #ZesanAyyub showed Lord Shiva abusing on the stage. Degrading FoE. #BoycottTandavpic.twitter.com/1Qtu4YTBow
— Ankita Thakur (@ankita_thakur2) January 15, 2021
एक अन्य यूजर ने लिखा, “नफरत नहीं फैलाना चाहता। मैं हिंदू हूं और हम बहुत ही शांतिप्रिय लोग हैं। लेकिन इन OTT फिल्मों की हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने की हिम्मत कैसे हुई। क्या वे ऐसा ही दूसरे धर्मों के साथ कर सकते हैं।”
एक यूजर की पोस्ट है, “तांडव बुलीवुड की एक कट्टरता है। हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाना, वही गंदे चुटकुले, वही टुकड़े-टुकड़े गैंग के वाम पंथ के एजेंडे को आगे बढ़ाना। सभी हिंदुओं को एक हो जाना चाहिए। क्योंकि यह हमारा कल्चर, हमारा ट्रेडिशन, हमारी जड़ें हैं।”