तेलंगाना के इस हॉस्पिटल ने मचाई ‘अंधेरगर्दी’, एक प्लेट इडली के वसूले 700 रुपये

हैदराबाद। यह तो सब जानते ही हैं कि कॉरपोरेट अस्पतालों में मामूली इलाज के लिए भी किस स्तर पर बिल वसूला जाता है। हाल ही में कोरोना महामारी के समय तो लोग जहां बीमारी से परेशान थे वहीं अस्पताल थे कि जिसने भी कदम रखा उसका अच्छा खासा बिल बनाकर ही भेजा।

इस तरह कई अस्पतालों ने कोरोना के समय अच्छी कमाई की। कुछ अस्पतालों ने तो मरीजों के इलाज के लिए लाखों वसूले। वहीं यह आश्चर्य की बात है कि ऐसे पीड़ितों में सरकारी डॉक्टर भी शामिल थे।

इससे हुआ यह कि लोगों में निजी अस्पतालों को लेकर डर बढ़ गया है। निजी अस्पताल में कदम रखने के पहले ही लोग सोचने लगते हैं कि जाएं या नहीं। पर वहीं यह बात भी सबके मन में घर कर गई है कि बेहतर इलाज के लिए तो निजी अस्पताल जाना ही होगा क्योंकि सरकारी अस्पताल में इलाज ठीक से नहीं होता।

यही वजह है कि लोग अक्सर स्वास्थ्य की कोई भी समस्या हो तो सीधे कॉर्पोरेट अस्पतालों का रुख करते हैं। फिर उनके द्वारा दिए गए बिल का भुगतान भी बगैर कुछ कहे देकर निकल जाते हैं क्योंकि बगैर दिए तो वहां से बाहर जाने नहीं दिया जाता।

हाल ही में बंजारा हिल्स में एक कॉर्पोरेट अस्पताल द्वारा दिया गया बिल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस बिल को विजय गोपाल नाम के शख्स ने ट्विटर पर पोस्ट किया था। वह फोरम अगेंस्ट करप्शन के संस्थापक हैं।

उनके अनुसार बंजारा हिल्स के इस अस्पताल में इडली की एक प्लेट की कीमत बिल में 700 रुपये बताई गई है। तो उनका सीधा प्रश्न यही है कि क्या इस इडली को स्वर्ग से लाया गया है जो यह इतनी महंगी है? इसके अलावा उनका एक और सवाल है कि इस बिल में बताए गए अन्य शुल्क आखिर क्या हैं? ” ट्वीट को अस्पताल के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट, सार्वजनिक स्वास्थ्य के निदेशक, तेलंगाना स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय और दो अन्य के साथ टैग किया गया है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि डॉक्टर को खुद परामर्श के दौरान मरीज को यह बताना चाहिए कि वह क्या खाएं और क्या न खाएं। आहार विशेषज्ञ यानी डाइटीशियन के नाम पर मरीजों को लूटने का यह एक नया तरीका इन लोगों ने निकाला है। जबकि वे लोग आकर सिर्फ आपने कुछ खाया या नहीं और क्या कुछ खाया जैसे प्रश्न करके चलते बनते हैं। और सिर्फ इसके लिए निजी अस्पताल प्रति बिल 1,500 से 3,000 रुपये के बीच शुल्क लेते हैं।

ट्वीट देखने वाले नेटिज़न्स ने अस्पताल पर नाराजगी व्यक्त की। एक नेटीजन ने संदेह व्यक्त किया है कि आखिर क्यों बीमा कंपनियां भी ऐसे बिलों पर सवाल नही उठा रही हैं। एक अन्य नेटीज ने कहा कि ऐसे अस्पताल आहार विशेषज्ञों को अनावश्यक रूप से काम पर रख रहे हैं और उन्हें नौकरी दे रहे हैं, सिर्फ हमें लूटने के लिए।

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