इस बार उत्तर भारत में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, इन राज्यों में भारी बारिश की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली। चक्रवात निवार के गुजरने के बाद अब उसका असर भारत के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में बारिश की शुरुआत हो चुकी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले हफ्ते में बारिश के साथ पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी देखने को मिलेगी। दक्षिणी राज्यों को लेकर बताया गया है कि यहां एक दिसंबर से भारी बारिश शुरू हो जाएगी।

मैदानी इलाकों में लोगों को भीषण सर्दी का सामना करना पड़ सकता है। जिस तरह अक्टूबर और नवंबर की शुरुआत ठंड के साथ हुई, उसी तरह दिसंबर की शुरुआत भी कड़ाके की सर्दी के साथ होने वाली है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में मैदानी इलाकों में भीषण सर्दी पड़ने वाली है।

उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में सर्दी पड़ रही है और कश्मीर के विख्यात पर्यटन स्थल गुलमर्ग में शनिवार को पारा शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया वहीं मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दक्षिणी राज्यों में एक दिसंबर से भारी बारिश हो सकती है।

वहीं, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर में वायु गुणवत्ता फिर से ‘खराब श्रेणी’ में पहुंच गई है। जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में ठंड पड़ रही है और गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

मौसम विभाग ने केंद्रशासित प्रदेश के लिए चार दिसंबर तक शुष्क मौसम बने रहने का अनुमान लगाया है। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटे से मौसम शुष्क बना हुआ है और यहां पारा एक या दो डिग्री सेल्सियस बढ़ा है।

लाहौल और स्पीति का प्रशासनिक केंद्र केलोंग राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा और वहां पारा शून्य से 9.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं हरियाणा और पंजाब में तापमान सामान्य से कुछ अधिक रहा। राज्य की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश में भी मौसम शुष्क बना रहा और दूरदराज के क्षेत्रों में आंशिक से मध्यम स्तर पर कोहरा छाया रहा।

मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके 48 घंटे में गहरे दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने तथा तमिलनाडु तट की तरफ बढ़ने के आसार हैं। इससे दक्षिणी राज्यों में एक दिसंबर से भारी बारिश की आशंका है। यह दक्षिणी तमिलनाडु तट पर दो दिसंबर को पहुंच सकता है।

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