कृषि सुधार 21वीं सदी के भारत की जरुरत है, सुधारो ने देश के हर किसान को आजादी दी है, इससे उज्ज्वल होगा किसानों का भविष्य : PM मोदी

न्यूज़ डेस्क। सरकार का किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास अनवरत जारी रहेगा। रविवार को राज्यसभा में पारित कृषि विधेयक के तहत कृषि सुधार 21वीं सदी के भारत की आवश्यकता है। इतना ही नहीं इस कृषि सुधार से देश के किसानों का भविष्य उज्ज्वल होगा। ये बातें किसी और ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही। उन्होंने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार में करीब 14,258 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली नौ राजमार्ग परियोजनाओं और राज्य के सभी 45,945 गांवों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन के दौरान ये बातें कहीं। इतना ही नहीं उन्होंने देश के किसानों को आश्वस्त किया कि देश में न तो एमएसपी खत्म होगा न ही कृषि मंडियां समाप्त होंगी।

कांग्रेस पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन के दौरान उन्होंने देश के विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर अनेक बंधनों से जकड़ रखा है। आज तक तो किसानों के हित में कोई फैसला लिया नहीं और आज जब कृषि सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं तो किसानों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में एमएसपी अनवरत जारी है। फसल मंडियां अपनी जगह यथावत है लेकिन कांग्रेस पार्टी किसानों को यह कह कर गुमराह कर रही है कि एमएसपी खत्म हो जाएगी। मंडियों को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी सरकार प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।

किसानों की मजबूरी का फायदा

PM मोदी ने संसद में पारित इन कृषि विधेयकों पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि देश की संसद ने किसानों को अधिकार देनेवाले बहुत ही ऐतिहासिक कानून पारित किया है। उन्होंने इस कृषि सुधार को 21 वीं सदी के भारत की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि देश में अब तक उपज और बिक्री की जो व्यवस्था थी उससे किसानों के हाथ-पांव बंधे हुए थे। इन पुराने कानून की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गए थे जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। जबकि इस कानून के आने से किसान अपनी मर्जी और फसल दोनों के मालिक होंगे।

व्यवस्था में बदलाव जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आखिर हम कैसे अपने किसान भाई-बहनों को लूटते देख सकते हैं। इसलिए पुरानी व्यवस्था को बदलना जरूरी हो गया था। जिसे हमारी सरकार ने बदल कर दिखा दिया। उन्होंने कहा कि इस नए कृषि सुधार से देश के हर किसान को आजादी मिली है। अब वे अपनी मर्जी से किसी को भी, कहीं भी अपनी फसल अपनी शर्तों पर बेच सकते हैं। इस कानून से उन्हें अपने क्षेत्र की मंडियों के अलावा भी कई विकल्प मिल गए हैं । अब उन्हें जिन मंडियों में ज्यादा लाभ मिलेगा वहीं अपनी उपज बेच पाएंगे। इस कानून से उनके लिए सीमा में बंधने की बाध्यता खत्म हो गई है।

पीएम ने देश के किसानों को दिया भरोसा

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रत्येक किसान को यह भरोसा दिया कि देश में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह बदस्तूर जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के एमएसपी देने और सरकार खरीद के मामले में किसानों के हित में जितना काम हमारी सरकार ने किया है शायद हो कोई दूसरी सरकार ने किया हो। 2014 से पहले के पांच साल और उसके बाद के पांच साल के आंकड़े साफ बता रहे हैं कि किसानों की भलाई के लिए उनकी सरकार ने जितने काम किए हैं उतना काम कभी किसी सरकार ने नहीं किया। पीएम ने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत का अब यह दायित्व बनता है कि वह देश के किसानों के लिए आधुनिक सोच के साथ नई व्यवस्थाओं का निर्माण करे। और हमारी सरकार का भी एक दायित्व बनता है कि देश के किसान और कृषि व्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाया जाए, और इसके लिए हमारी सरकार की कोशिश हमेशा जारी रहेगी।

राष्ट्रपति से हस्ताक्षर के बाद अधिसूचित होगा

हंगामा और विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद रविवार को राज्य सभा में कृषि क्षेत्र से जुड़े दो विधेयकों कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक-2020 और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को ध्वनिमत से पारित हो गए। ज्ञात हो कि ये विधेयक लोकसभा से पहले ही पारित हो चुके हैं। ऐसे में संसद से मंजूरी मिल जाने के बाद इन विधेयकों अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद इन्हें अधिसूचित कर दिया जाएगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.