कोरोना महामारी के दौरान भारत के खाद्य सुरक्षा ‘कदमों’ को UN ने की तारीफ, कहा- दुनिया को भारत से सीखना चाहिए
न्यूज़ डेस्क। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए मोदी सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए पिछले साल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की थी। इस साल जब कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू किया तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान गरीबों को मुफ्त राशन देने का बड़ा ऐलान किया। इस योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को नवंबर, 2021 तक 5 किलो अनाज मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। इतनी बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा मुहैया करने और जन वितरण प्रणाली में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है। साथ ही दुनिया को भारत से सीख लेने की सलाह दी है।
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कोरोना महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा मोदी सरकार की तारीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा (food security) सुनिश्चित करने के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की मिली पहचान…संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि सभी को खाद्य सामग्री/भोजन उपलब्ध कराने के मामले में दुनिया को भारत से सीखना चाहिए।’ केंद्रीय मंत्री गोयल ने अपने ट्वीट के साथ एक खबर भी अटैच की है जिसमें भारत के कोरोना महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया गया है।
Recognition for the effective steps taken by PM @NarendraModi ji led Government on ensuring food security during COVID-19 pandemic.
United Nations World Food Programme says the world has lessons to learn from India on providing food for all. pic.twitter.com/IM85RGX48Y
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 26, 2021
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लॉकडाउन के दौरान 80 करोड़ लाभार्थियों को कठिनाइयों से राहत प्रदान करने के लिए 2020 में आठ महीने के लिए योजना को लागू किया गया था। योजना को तीसरे चरण के तहत इस साल जून तक दो महीने के लिए फिर से शुरू किया गया था, और बाद में चौथे चरण के तहत नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। PMGKAY के तीसरे चरण के दौरान, आवंटित खाद्यान्न का लगभग 89 प्रतिशत लाभार्थियों को वितरित किया गया। मई में वितरण 94 प्रतिशत तक पहुंच गया था। इस साल सात महीने तक इस योजना को लागू किया जाएगा। कुल मिलाकर 15 महीनों में इस योजना पर कुल 2,28,000 करोड़ रुपये खर्च होगा।
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई वन नेशन वन राशन कार्ड योजना एक नई पहल है, जो खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से गेम चेंजर साबित हो सकती है, जिससे लाभार्थियों को देश में कहीं से भी अपने भोजन के अधिकार का उपयोग करने का अवसर देता है। यह योजना बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी लोगों के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है। यह योजना आपूर्ति श्रृंखला, वितरण और बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण को बढ़ावा देती है। इससे देश में कहीं भी राशन का लाभ मिल सकता है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुताबिक खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर मोदी सरकार का यह प्रयास दुनिया के लिए एक मिसाल है। विश्व के दूसरे देश भी भारत के इस अनुभव से सीख सकते हैं।