05 अगस्त को भारत सहित पूरी दुनिया में जश्न मनाया जा रहा था, वहीं कश्मीर में तोड़ा जा रहा था शिव मंदिर, सोशल मीडिया में सेक्युलर गैंग की चुप्पी पर फूटा गुस्सा

न्यूज़ डेस्क। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन को लेकर पूरे विश्व के हिन्दुओं में जबरदस्त उत्साह है। 05 अगस्त को भारत सहित पूरी दुनिया में जश्न मनाया जा रहा था, वहीं कश्मीर में एक हिन्दू मंदिर को तोड़ा जा रहा था। कोशूर न्यूज के ट्विटर हैंडल @kpnewschannel ने सोशल मीडिया में इस बात की जानकारी दी। बताया जाता है कि कुछ साल पहले शिवलिंग के टुकड़े-टुकड़े भी कर दिए गए थे।

कुपवाड़ा के जलखानी गांव में शिव मंदिर को ध्वस्त किया गया। इस घटना के 5 दिन बीत जाने के बाद भी अनुच्छेद 370 हटाने पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले सेक्युलर गैंग की चुप्पी हैरान करने वाली है। सोशल मीडिया पर लोगों ने शिव भक्त राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।

एक ट्विटर यूजर ने इस घटना पर दुख और आक्रोश जताते हुए लिखा, “कुछ साल पहले यहां पर शिवलिंग को तोड़ दिया गया था, लेकिन हमारी आस्था देखिए, हम ये सोचकर खुश थे कि कम से कम ढ़ांचा तो है, मगर इस बार मंदिर को ही धराशायी कर दिया गया। आशा है कि किसी दिन हम इस मंदिर में वापस जाएंगे और प्रार्थना करेंगे। यह दुखद और भयावह है।”

2012 की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर में पिछले दो दशकों के दौरान राज्य के 208 मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया था। इसमें काफी बड़े पैमाने पर बर्बरता की गई। वहीं केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सालों से बंद पड़े 50 हजार मंदिरों को खोलने की तैयारी में है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया था कि जिन मंदिरों का सर्वेक्षण सरकार करवाने जा रही है, वो ऐसे मंदिर हैं, जिन्हें तोड़ा गया है या फिर उनकी मूर्तियाँ खंडित की गई हैं।

किशन रेड्डी ने कहा था, “हमने कश्मीर घाटी में बंद पड़े स्कूलों के सर्वे के लिए एक कमिटी का गठन किया है, जिन्हें दोबारा खोला जाएगा। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में करीब 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं, जिनमें से कुछ नष्ट हो गए थे और मूर्तियाँ टूटी हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे का भी आदेश दिया है।”

65 साल तक देश में कांग्रेस और विपक्षी दलों की सरकारें रहीं। इस दौरान हजारों मंदिरों को तोड़ा गया। 50 हजार मंदिर सालों से बंद पड़े हुए हैं, लेकिन आज तक किसी सेक्युलर बुद्धिजीवी और पत्रकार ने आवाज नहीं उठायी। मंदिर तोड़े जाने से उनकी धर्मनिरपेक्षता खतरे में नहीं पड़ी। लेकिन उन्हें अयोध्या में भगवान राम के मंदिर बनने और प्रधानमंत्री मोदी के भूमि पूजन से धर्मनिरपेक्षता खतरे में दिखाई देता है।

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