शीतकालीन सत्र में ‘सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार, वाद हो-विवाद हो और इसके साथ ही सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने में सभी योगदान दें।’ : PM मोदी

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 2019 का यह आखिरी सत्र है और यह बेहद महत्वपूर्ण सत्र भी है क्योंकि यह राज्यसभा का 250वां सत्र है यह शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से आरंभ होकर 13 दिसंबर तक चलेगा। उसी प्रकार से इसी सत्र के दरमियान 26 तारीख को हमारा संविधान दिवस है। जबकि हमारे संविधान को 70 साल हो रहे हैं। ये संविधान देश की एकता, अखंडता और भारत की विविधता को समेटे हुए हैं।

PM मोदी ने कहा कि देश के लिए वह एक चालक ऊर्जा शक्ति है। पिछले दिनों करीब-करीब सभी दलों के नेताओं से मिलने का मौका मिला है। इस दौरान उन्होंने पिछले सत्र के लिए सभी नेताओं और माननीय सांसदों को शुक्रिया कहा और उम्मीद जताई कि इस सत्र में उत्तम संवाद होगा। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं। वाद हो, विवाद हो, संवाद हो, हरेक कोई अपनी बुद्धि शक्ति का प्रचुर मात्रा में काम करें। उन्होंने कहा, ‘सरकार सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहती है। वाद हो-विवाद हो और इसके साथ ही सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने में सभी योगदान दें।’ साथ ही श्री मोदी ने कि राज्यसभा का यह 250वां सत्र है और इस बीच 26 नवंबर को संविधान दिवस भी है, जब संविधान 70 साल का हो रहा है।

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में यह आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। हालांकि, विपक्षी दलों ने लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत और उन्हें संसदी की कार्यवाही में हिस्सा लेने की इजाजत देने की मांग की।

सरकार की तरफ से बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों ने आर्थिक मंदी, नौकरी जाने, किसानों की चिंता जैसे मुद्दों पर सत्र के दौरान जरूर चर्चा करने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि 27 दलों की इस सर्वदलीय बैठक में PM मोदी ने कहा कि सबसे बड़ी बात ये हैं कि संसद में चर्चा हो।

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