भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर और क्रेमर को अर्थशास्त्र में मिला नोबल पुरस्कार

नई दिल्ली। अर्थशास्त्र विज्ञान के क्षेत्र में अभिजीत बनर्जी व उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर के”ग्लोबल गरीबी के लिए अपने प्रायोगिक दृष्टिकोण के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। ज्ञात हो कि अभिजीत बनर्जी भारतीय मूल के हैं। अर्थशास्त्र का नोबेल जीतने वाले अभिजीत बनर्जी कोलकाता के मूल निवासी है। उनके पिता दीपक बनर्जी भी बड़े अर्थशास्त्री रहे हैं, पिछले साल भी नोबेल के लिए नामित हुए थे। अभिजीत ने कोलकाता से ग्रेजुएट के बाद JNU से पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई की। उन्होंने गरीबी उन्मूलन के लिए शोध किया और किताबें लिखीं। 2019 के कांग्रेस के घोषणापत्र में गरीबी उन्मूलन से जुड़ी योजनाओं का खाक तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। अभिजीत की किताब जगरनॉट जल्द आने वाली है और भारतीय मूल के अमर्त्य सेन को 1998 में नोबेल मिला था।

ज्ञात हो कि साल 2018 और 2019 के लिए साहित्य के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार की घोषणा बीते गुरुवार को की गई थी। पोलिश लेखिका ओल्गा टोकार्कज़ुक को साल 2018 के लिए साहित्य नोबल पुरस्कार से नवाजा गया। जबकि, साल 2019 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार के लिए ऑस्ट्रियाई लेखक पीटर हैंडके को चुना गया है। पिछले साल विवादों के कारण इसे स्थगित किया गया था।
गौरतलब है कि बीते 9 अक्टूबर को कैमिस्ट्री के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई थी, और वह लिथियम-आयन बैटरी का विकास करने के लिए अमेरिका के जॉन बी. गुडइनफ, इंग्लैंड के एम. स्टैनली विटिंघम और जापान के अकीरा योशिनो को संयुक्त रूप से दिया गया। नोबल पुरस्कार काफी प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित अवॉर्ड है। हर साल स्वीडिश एकेडमी की तरफ से 16 अवॉर्ड्स दिए जाते हैं।

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