नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर विदेशों में चल रहे फेक न्यूज से सरकार चिंतित, विदेशी मीडिया में सरकार रखेगी पक्ष, जारी किये निर्देश

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस कानून को लेकर विदेशी मीडिया में झूठी और भ्रामक खबरें छापी जा रही हैं। विदेशी मीडिया में नागरिकता कानून को लेकर आ रही खबरों पर अब सरकार और सत्तरूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों सक्रिय हो गई हैं। इस मामले का संज्ञान लेते हुए PMO की ओर से विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया जा चुका है।

प्रधानमंत्री कायार्लय की ओर से दिए गए निर्देश में कहा गया है कि विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास उस देश के मीडिया संस्थानों से संपर्क साधे और इस कानून के संबंध में उन्हें भारत सरकार के विचार से अवगत कराए। इस मुहिम की जिम्मेदारी खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर संभाल रहे हैं और वही इसकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।

इधर, BJP के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी विदेशी मीडिया में छवि सुधारने और सरकार के विचारों को उन तक पहुंचाने के लिए प्रवक्ताओं की एक कमेटी गठित की है। प्रवक्ताओं की यह कमेटी विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों से बात करेगी और भारत सरकार का पक्ष रखेगी। इस कमेटी का नेतृत्व सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कर रहे हैं। कमेटी में जीवीएल नरसिम्हा राव और सुधांशु त्रिवेदी को रखा गया है।

मंत्री श्री जावड़ेकर के मुताबिक, वह जल्द ही विदेशी मीडियाकर्मियों से मिलेंगे और सरकार का पक्ष रखेंगे। सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुश्किल ये है कि विदेशी मीडिया एकतरफा खबर छाप रही है। ये सरकार से न तो संपर्क साधते हैं और न ही उनका पक्ष छापते हैं। ऐेसे में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है, जिसको दूर किया जाना जरूरी है।

गौरलतब है कि नागरिकता कानून (CAA) बनने के बाद से ही विदेशी मीडिया इस खबर को प्रमुखता से दिखा और छाप रही है। सरकार के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इस्लामी देशों में इस खबर को प्रमुखता से गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन के कुछ मीडिया संस्थानों में भी इस खबर को गलत तरीके से छापा और दिखाया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, सीरिया, तुर्की और पाकिस्तान के जरिए सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं दी जा रही हैं जो, विदेशी मीडिया संस्थानों के खबरों का आधार बन रही हैं।

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