16 घोषि‍त इस्लामी देशों ने अलग-अलग समय पर ट्रिपल तलाक को तलाक देने का काम किया है : अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तीन तलाक पर बोलते हुए कहा कि कोई भी कुप्रथा हो, जब हटाया जाता है तो उसका विरोध नहीं होता बल्कि उसका स्वागत होता है लेकिन तीन तलाक कुप्रथा को हटाने के खिलाफ इतना विरोध हुआ और हो रहा है जिसके लिए तुष्टिकरण की राजनीति जिम्मेदार है।

गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि तीन तलाक किसी में हटाने की हिम्मत नहीं थी। यह ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए PM मोदी का नाम इतिहास के समाज सुधारकों में लिखा जाएगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा यह सर्वविदित है कि तीन तलाक प्रथा करोड़ों मुस्लिम महिलाओं के लिए एक दुस्वप्न जैसी थी। उनको अपने अधिकारों से वंचित रखने की प्रथा थी। उन्होंने कहा कि जो तीन तलाक के पक्ष में खड़े हैं और जो इसके विरोध में खड़े हैं, उन दोनों के ही मन में इसको लेकर कोई संशय नहीं है कि तीन तलाक एक कुप्रथा है।

अमित शाह ने कहा इसमें कोई संदेह नहीं है। तीन तलाक पर कानून बनने से मुस्लिम महिलाओं को हक मिला है। उन्होंने कहा कि 16 घोषि‍त इस्लामी देशों ने अलग-अलग समय पर ट्रिपल तलाक को तलाक देने का काम किया है, हमें 56 साल लगे। इसका मुख्य कारण कांग्रेस की तुष्ट‍ीकरण की राजनीति थी। अगर यह इस्लाम के खिलाफ होता तो ये देश गैर इस्लामिक काम क्यों करते।

5 सालों में मोदी सरकार ने लिए 25 ऐतिहासिक निर्णय…

अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने साढ़े पांच साल के अपने कार्यकाल के अंदर 25 साल से ज्यादा ऐतिहासिक निर्णय लेकर देश की दिशा बदलने का काम किया है। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का कमाल है। ट्रिपल तलाक को खत्म करना केवल और केवल मुस्लिम समाज के फायदे के लिए है। ट्रिपल तलाक की प्रताड़ना 50 फीसदी मुस्लिम आबादी यानी माताओं, बहनों को झेलनी पड़ती है।

शाह ने कहा, आज अगर यह बिल हम लेकर नहीं आते तो यह दुनिया के सामने भारत के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा धब्बा होता। इसके लिए मुस्लिम महिलाओं ने काफी लड़ाई लड़ी। शाहबानो को ट्रिपल तलाक दिया गया तो वे अपनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक गईं।

अमित शाह ने कहा कि वोटबैंक के आधार पर सालोंसाल सत्ता में आने की आदत कुछ राजनीतिक पार्टियों को पड़ गई। इसी वजह से ऐसी कुप्रथाएं इस देश में चलती रहीं। उन्होंने कहा, ‘इस देश के विकास और सामाजित समरसता के आड़े भी तुष्टिकरण की राजनीति आई है। इसके पक्ष में बात करने वाले कई तरह के तर्क देते हैं। उसके मूल में वोटबैंक की राजनीति और शॉर्टकट लेकर सत्ता हासिल करने की पॉलिटिक्स है।’

श्री शाह ने कहा जब आप समाज के विकास की परिकल्पना लेकर जाते हैं तो उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है, प्लानिंग करनी पड़ती है। इसके लिए आपके मन में संवेदना चाहिए, वोटों का लालच नहीं। जिनके मन में न मेहनत का भाव है और न ही संवेदना है, वे लोग तुष्टिकरण जैसे शॉर्टकट को अपनाते हैं और वोटबैंक की राजनीति करते हैं।

गृहमंत्री ने कहा, जो अभाव में जी रहा है, जो गरीब-पिछड़ा, वो किसी भी धर्म का हो। विकास के दौर में जो पिछड़ गया है, उसे ऊपर उठाओ, अपने आप समाज सर्वस्पर्शी-सर्वसमावेशी मार्ग पर आगे बढ़ जाएगा।

अमित शाह ने कहा, बगैर तुष्टिकरण यह सरकार समविकास, सर्वस्पर्शी विकास, सर्वसमावेशी विकास के आधार पर 5 साल चली। इसी थ्योरी पर 2019 में ठप्पा लगाकर इस देश की जनता ने तुष्टिकरण से देश को हमेशा के लिए मुक्त करने के लिए दोबारा बहुमत दिया है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.