पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली बनीं पहली भारतीय

बासेल (स्विट्जरलैंड)। ओलम्पिक रजत पदक विजेता पी.वी. सिंधु ने रविवार को यहां बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप -2019 के फाइनल में दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर चैम्पियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीत लिया। इस जीत के साथ ही सिंधु विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। वल्र्ड रैंकिंग में पांचवें पायदान पर काबिज सिंधु ने ओकुहारा को सीधे गेम में एकतरफा अंदाज में 21-7, 21-7 से पराजित किया। यह मुकाबला 38 मिनट तक चला। इस जीत के साथ ही सिंधु ने ओकुहारा से खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 9-7 का कर लिया है।

भारतीय बैडमिंटन स्टार सिंधु ने इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही 2017 के फाइनल में आकुहारा से मिली हार का हिसाब भी बराबर कर लिया। वर्ष 2017 और 2018 में रजत तथा 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत चुकीं सिंधु ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की और 5-1 की बढ़त बना ली। इसके बाद वह 12-2 से आगे हो गईं। लगातार तीसरे साल फाइनल में पहुंचने वाली सिंधु ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और 16-2 की लीड लेने के बाद 21-7 से पहला गेम जीत लिया। भारतीय खिलाड़ी ने 16 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया।

दूसरे गेम में सिंधु ने 2-0 की बढ़त के साथ शुरुआत करते हुए अगले कुछ मिनटों में 8-2 की लीड कायम कर ली। ओलम्पिक पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी ने आगे भी अपने आक्रामक खेल के जरिये अंक लेना जारी रखा। सिंधु ने मुकाबले में 14-4 की शानदार बढ़त बना ली। इसके बाद उन्होंने लगातार अंक लेते हुए 21-7 से गेम और मैच समाप्त करके बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीत लिया।

बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में सिंधु के अब पांच पदक हो गए हैं। इनमें एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक शामिल हैं। भारत ने इस टूर्नामेंट में अब तक तीन रजत और छह कांस्य पदक जीते थे। सिंधु इससे पहले इस टूर्नामेंट में लगातार दो बार (2017 और 2018) फाइनल में हारी थीं। लेकिन, इस बार उन्होंने इस गतिरोध को तोड़ा और बैडमिंटन में पहली विश्व चैम्पियन भारतीय बन गईं।

सिंधु ने इस टूर्नामेंट में 2013 में पहली बार भाग लिया था और उसके बाद से अब तक वह इसमें 21 मैच जीत चुकी हैं। उनसे ज्यादा अब तक इसमें विश्व की किसी भी महिला खिलाड़ी ने पदक नहीं जीते हैं। सिंधु के नाम अब इसमें पांच पदक हो गए हैं। इनमें एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक शामिल हैं।

सिंधु महिला एकल में एक स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने वाली विश्व की चौथी खिलाड़ी बन गई हैं। उनसे पहले ली लिंगवेई, गोंग रूइना और झांग निंग यह उपलिब्ध हासिल कर चुकी हैं। भारत की प्रसिद्ध महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने 2015 और 2017 में इस टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीते थे। पुरुष भारतीयों में प्रकाश पादुकोण (1983) और बी.साई प्रणीत (2019) ने इसमें अब तक कांस्य पदक जीते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.