भारत को हराकर आस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार जीता ICC महिला T20 विश्व कप खिताब, धराशाई हुआ भारत का सपना

मेलबर्न। आस्ट्रेलिया ने सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी और एलिसा हीली के अर्धशतक के बाद मेगान स्कट की अगुआई में शानदार गेंदबाजी की बदौलत रविवार को यहां आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के फाइनल में भारत को 85 रन से हराकर पांचवीं बार ट्राफी अपने नाम की। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन खेले गये मुकाबले में आस्ट्रेलियाई टीम छठी बार फाइनल में पहुंची थी। इससे पहले उसने 2010, 2012, 2014, 2018 में खिताब जीता था जबकि 2016 में उसे फाइनल में वेस्टइंडीज से हार मिली थी।

आस्ट्रेलिया ने MCG पर टास जीतकर बल्लेबाजी करते हुए मूनी (नाबाद 78) और हीली (75 रन) के अर्धशतकों से चार विकेट पर 184 रन बनाये। इसके बाद उसकी गेंदबाजों ने भारतीय टीम को 19.1 ओवर में महज 99 रन पर समेट दिया जो पहली बार इसके फाइनल में पहुंची थी।

आस्ट्रेलिया के लिये मेगान स्कट ने 3.1 ओवर में 18 रन देकर चार विकेट और जेफ जोनासेन ने चार ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट झटके। सोफी मोलीनेक्स, डेलिसा किमिन्स और निकोला कारे ने एक एक विकेट हासिल किया। भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला सेमीफाइनल बारिश से रद्द होने के बाद ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने के कारण खिताबी मुकाबले में जगह बनायी थी।

टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में आस्ट्रेलिया को हराने वाली भारतीय टीम आज दबाव का सामना नहीं कर पायी और शीर्ष क्रम के चरमराने से उसकी पहला खिताब जीतने की उम्मीद टूट गयी। केवल चार बल्लेबाज ही दोहरे अंक के स्कोर तक पहुंच सकी जिसमें दीप्ति शर्मा 33 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहीं।

शीर्ष क्रम बल्लेबाज शेफाली वर्मा (02), स्मृति मंधाना (11), जेमिमा रोड्रिग्स (शून्य) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (04) छह ओवर में पवेलियन लौट गयीं। वहीं विकेटकीपर तानिया भाटिया दूसरे ओवर में रिटायर्ड हर्ट हो गयी। स्पिनर जेस जोनासेन की गेंद उनके हेलमेट पर लगी थी। आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने लगातार अंतराल पर विकेट झटकना जारी रखा। दीप्ति शर्मा के अलावा वेदा कृष्णमूर्ति (19) और ‘कनकशन’ स्थानापन्न खिलाड़ी रिचा घोष (14) ही कुछ रन जुटा सकीं और पूरी टीम 99 रन पर सिमट गयी।

इससे पहले हीली और मूनी ने जीवनदान का फायदा उठाते हुए अर्धशतकीय पारियां खेली और आस्ट्रेलिया को चार विकेट पर 184 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने में मदद की।

मूनी शीर्ष स्कोरर रहीं लेकिन हीली ने 75 रन की पारी खेलकर सुर्खियों बटोरीं जिनका कैच शेफाली वर्मा ने पारी की पांचवीं गेंद (दीप्ति शर्मा के ओवर) पर छोड़ दिया था। इन दोनों ने भारतीय गेंदबाजों पर मैदान के चारों ओर रन जुटाये। उन्होंने 39 गेंद की पारी के दौरान सात चौके और पांच छक्के जमाये। हीली और मूनी ने 11.5 ओवर में पहले विकेट के लिये 115 रन की साझेदारी कर आस्ट्रेलिया को शानदार शुरूआत करायी जिसने टास जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। हीली की तरह मूनी ने भी कैच छूटने से मिले मौके का फायदा उठाया। चौथे ओवर में राजेश्वरी गायवकाड़ ने अपनी गेंद पर उनका कैच लेने का मौका गंवा दिया जिससे वह 41 गेंद में अपने अर्धशतक पर पहुंची।

मूनी ने अपनी 54 गेंद की नाबाद पारी के दौरान 10 बाउंड्री लगायी। पहले मैच में भारत से हारने के बावजूद गत चैम्पियन आस्ट्रेलिया ने प्रबल दावेदार के रूप में फाइनल में प्रवेश किया। मेग लैनिंग की अगुआई वाली टीम ने ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन किया और हीली ने पहली ही गेंद से भारतीय आक्रमण की धज्जियां उड़ायीं। हीली की शानदार पारी का अंत 12वें ओवर में हुआ जब वह बायीं हाथ की स्पिनर राधा यादव की गेंद पर लांग आन बाउंड्री लगाने के चक्कर में वेदा कृष्णमूर्ति को कैच दे बैठीं। हीली के आउट होने के बाद मूनी ने जिम्मेदारी से खेलते हुए कप्तान लैनिंग के साथ 39 रन जोड़े। इसके बाद दीप्ति के 17वें ओवर में दो विकेट चटकाने से थोड़ी देर के लिये भारत ने दबाव बनाया।

लैनिंग (06) को दूसरी गेंद पर शिखा पांडे ने कैच लेकर आउट किया जबकि तीन गेंद के बाद एशले गार्डनर को तानिया भाटिया ने स्टंप आउट किया। राशेल हेनेस (04) 19वें ओवर में पूनम यादव की गेंद पर बोल्ड हुई। मूनी ने जिम्मेदारी से खेलना जारी रखा और निकोला कारे (नाबाद 05) के साथ नाबाद रहीं। दोनों ने आस्ट्रेलिया को 190 रन के करीब पहुंचाया। भारत की स्पिनर दीप्ति (38 रन देकर दो विकेट), राधा यादव (34 रन देकर एक विकेट) और पूनम यादव (30 रन देकर एक विकेट) ने आस्ट्रेलिया को 200 रन के अंदर रोकने में अच्छा प्रदर्शन किया।

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