पीएम मोदी ने शेयर किया कृषि कानूनों से जुड़े ग्राफिक्स और बुकलेट, पढ़ने और व्यापक रूप से साझा करने की दी सलाह

न्यूज़ डेस्क। दिल्ली में किसानों के धरना-प्रदर्शन के बीच नए कृषि कानून के बारे में शंकाओं और भ्रम को दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार की तरफ से किसानों को यह बताने-जताने की कोशिश जारी है कि तीनों कृषि कानून उनके हित में हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री से लेकर दूसरे मंत्री भी किसानों और अन्य लोगों से लगातार संवाद कर कृषि कानूनों के पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भरोसा दिला रहे हैं कि ये उनके हित में है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नमो एप से जुड़ा एक लिंक शेयर करते हुए ट्वीट किया कि किसान यहां मौजूद बुकलेट्स के जरिए विस्तार से समझ सकते हैं कि कैसे कृषि सुधार उनके लिए मददगार हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि- ‘ग्राफिक्स और बुकलेट सहित बहुत सी सामग्री है, जो हाल ही में कृषि-सुधार हमारे किसानों की मदद करने के बारे में विस्तार से बताती है। यह NaMo एप वालंटियर मॉड्यूल के Your Voice और डाउनलोड सेक्शन में पाया जा सकता है। पढ़ें और व्यापक रूप से साझा करें।’

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा किसान बिल पर एक बुकलेट जारी की गई है जिसमें तीनों कृषि कानूनों के बारे में विभिन्न तथ्यों और ग्राफिक्स के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गयी है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बुकलेट अपने नमो एप पर भी जारी किया है। अब सरकार पैम्फलेट और बुक्स के जरिए किसानों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रही है, ताकि कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के दुष्प्रचार का मुकाबला किया जा सके।

इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश के रायसेन में करीब एक घंटे तक किसानों से संवाद करते हुए कृषि कानूनों पर सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान नीयत साफ बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि विपक्ष किसानों को बरगला रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्षी दल नए कानूनों के खिलाफ हैं, क्योंकि वे इस बात से खफा हैं कि उन्हें (मोदी) इसका श्रेय मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने कोई श्रेय नहीं मांगा लेकिन किसी को किसानों को गुमराह नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने ऑनलाइन माध्यम से रायसेन और मध्य प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह बात सरासर झूठ है कि नए कानूनों से उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.