राज्यसभा में दिग्विजय ने कहा- वाह जी महाराज, तो सिंधिया बोले- सब आपका ही आशीर्वाद है

नई दिल्ली। कभी एक दूसरे के साथ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह आज एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। एक पार्टी में रहने के बावजूद भी दोनों आमने-सामने रहे हैं। हालांकि अब दोनों दो अलग-अलग पार्टियों में हैं। कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। संसद में भी कृषि कानूनों को लेकर और किसान आंदोलन पर चर्चा हो रही है। इन सबके बीच आज ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह में हंसी ठिठोली भी देखने को मिल गई। दरअसल जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कृषि सुधारों को लेकर मोदी सरकार की पैरवी कर रहे थे तभी दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दे दी।

जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना भाषण खत्म किया दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया जी को बधाई। मैं आपको बधाई देता हूं। जितने अच्छे ढंग से आप यूपीए के कार्यकाल में हमारा पक्ष सदन में रखते थे, आज वैसा ही आपने भाजपा का पक्ष भी सदन में रखा है। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि वाह जी महाराज, वाह। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी तुरंत पलट कर जवाब दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह सब आपका आशीर्वाद है। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारा आशीर्वाद आपके पास था, है और आगे भी रहेगा। राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तथा पिछले छह सालों में उनकी आय बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाये गये हैं।

सिंधिया ने इस बात को भी रेखांकित किया कि सरकार कोविड-19 महामारी से निबटने में सफल रही और उसने आपदा को एक अवसर में परिवर्तित कर दिया। सिंधिया ने नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि किसान देश के लिए रीढ़ की हड्डी और अन्नदाता हैं तथा वे अपना ही नहीं पूरे विश्व का पेट भरते हैं। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून इसलिए लाए गए ताकि उनकी प्रगति हो सके। उन्होंने कहा कि देश को राजनीतिक आजादी करीब 70 साल पहले मिल गयी थी लेकिन किसानों को उनकी वास्तविक आजादी नहीं मिल पायी। भाजपा नेता ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को आजादी मिल सकेगी और वे देश भर में कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ 11 बार वार्ता हुई और सरकार ने 18 महीने कानून स्थगित करने की भी बात की है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.