PM-पोषण स्कीम: अब 1 से 5 साल तक के बच्चों को भी मिलेगा मिड डे मील का फायदा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पीएम-पोषण योजना की शुरुआत की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में योजना को मंजूरी मिली है। इससे देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को फायदा मिलने की उम्मीद की जा रही है।
अहम बात ये है कि इस योजना के दायरे में अब एक से 5 साल तक के बच्चे भी आएंगे। आपको बता दें कि मिड-डे मील योजना का लाभ 6 से 14 साल तक के बच्चों को मिलता था लेकिन अब पीएम-पोषण योजना के तहत दोनों वर्ग के बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाएगा। इस योजना का बोझ केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाएंगे। राज्य के मुकाबले केंद्र सरकार का ज्यादा सहयोग होगा।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के माध्यम से 11,20,000 से ज़्यादा स्कूलों के करोड़ों विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन भी मिलेगा इसमें 1,31,000 करोड़ रुपए का खर्चे आएगा: केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur #CabinetDecisions pic.twitter.com/LMEOCZRx7n
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) September 29, 2021
मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह योजना 5 साल तक चलेगी और 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक ‘बाल वाटिका’ में भाग लेने वाले 1-5 वर्ष की आयु के प्री-स्कूल बच्चों को भी योजना के तहत कवर किया जाएगा। धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर उगाए गए पौष्टिक खाद्यान्न को स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) योजना को जारी रखने और 5 वर्षों में 1,650 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान को मंजूरी दी है।
गुजरात में राजकोट-कनालुस लाइन को भी डब्लिंग की मंजूरी दी गई। 111 किलोमीटर की इस लाइन पर 1080 करोड़ रुपए का निवेश होगा: केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur #CabinetDecisions pic.twitter.com/3UFyJZasA1
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) September 29, 2021
कैबिनेट ने नीमच-रतलाम रेल लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी है। परियोजना की अनुमानित लागत 1,095.88 करोड़ रुपये है, लाइन के दोहरीकरण की कुल लंबाई 132.92 किलोमीटर है।
वहीं, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से राज्य के स्वामित्व वाली निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) लिमिटेड को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वित्तीय वर्ष 21-22 से 25-26 तक 5 वर्षों में 4,400 करोड़ का पूंजी निवेश होगा।