उन्नत और किफायती उर्वरक तकनीकों से किसानों को जोड़ने चल रहा है अभियान

रायपुर ।

नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। किसानों के बीच इनके इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए जागरूकता शिविर, वेबिनार, क्षेत्रीय प्रदर्शन, किसान सम्मेलन और क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्में बनाई जा रही हैं ।  नैनो यूरिया के पत्तियों पर छिड़काव को आसान बनाने के लिए किसान ड्रोन, बैटरी चालित स्प्रेयर जैसे नए उपकरण भी किसानों तक पहुंचाए जा रहे हैं। ग्राम स्तर के उद्यमियों को प्रशिक्षण देकर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कस्टम हायरिंग छिड़काव सेवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।किसानों को उन्नत और किफायती उर्वरक तकनीक से जोड़ने के लिए जिले में नैनो यूरिया छिड़काव का प्रदर्शन कृषि विभाग के अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा किसानों के खेत में पहुंचकर किया जा रहा है। कलेक्टर और कृषि विभाग रायगढ़ के मार्गदर्शन में किसानों के लिए यह जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत विकासखंड रायगढ़ में किसानों के खेतों में ट्रायल के रूप में नैनो यूरिया का प्रदर्शन किया गया। ग्राम कोड़तराई में कृषक  परमेश्वर पटेल, झारगुड़ा में कृषक  हरकेश्वर पटेल तथा पंझर में कृषक   नरेन्द्र पटेल के धान की फसल पर एक-एक एकड़ भूमि में नैनो यूरिया छिड़काव का प्रदर्शन किया गया। आने वाले दिनों अन्य किसानों के खेतों में भी यह प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान हितग्राही किसान के साथ गांव के अन्य किसानों को भी इस प्रदर्शन के अवलोकन में शामिल किया जाता है। उप संचालक कृषि ने बताया कि यह पहल न सिर्फ रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करेगी, बल्कि किसानों की उत्पादन लागत घटाकर अधिक लाभ दिलाने में भी सहायक सिद्ध होगी। इस दौरान किसानों को नैनो यूरिया के प्रयोग की विधियों एवं लाभों की विस्तृत जानकारी दी गई। किसान ड्रोन, मोटर, बैटरी, नेपसेक स्प्रेयर के माध्यम से नैनो यूरिया का छिड़काव कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, इफको के प्रतिनिधि और स्थानीय कृषकगण उपस्थित रहे।

किसानों ने समझा नैनो यूरिया छिड़काव का तरीका कहा -यह किफायती और सुविधाजनक 
प्रदर्शन के दौरान उपस्थित किसानों ने नैनो यूरिया के छिड़काव का तरीका समझा। बेसल डोज के बाद फर्स्ट और सेकंड स्प्रे के लिए नैनो यूरिया के उपयोग के संबंध में  परमेश्वर पटेल ने कहा कि यह पारंपरिक यूरिया की तुलना में काफी सस्ता है। यह कम मात्रा में भी बेहतर परिणाम देता है। बॉटल में पैकेजिंग होने के कारण खेतों तक लाने ले जाने ले जाने व छिड़काव में सुविधाजनक है। इसके छिड़काव से पौधों पर असर जल्दी और एक समान दिखता है। पौधों की बढ़वार भी संतुलित होती है।

नवंबर-दिसंबर में पूरे जिले चलेगा व्यापक अभियान
उप संचालक कृषि रायगढ ने बताया कि अभी चिन्हांकित स्थानों में नैनो यूरिया के छिड़काव का प्रदर्शन चल रहा है। आगामी नवंबर और दिसंबर में यह प्रदर्शन अभियान पूरे जिले में व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा। इसके लिए सभी आरएईओ अपने प्रभार क्षेत्र के गांवों में किसानों को नैनो यूरिया छिड़काव का प्रदर्शन कर उपयोग की विधि और फसल को होने वाले लाभ से अवगत कराएंगे। इसके साथ ही आगामी विकसित कृषि संकल्प यात्रा के अंतर्गत इसकी जानकारी किसानों को दी जाएगी।

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