राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष का दावा- महाराष्ट्र में बढ़ रहे ‘लव जिहाद’ के मामले, मगर कोई आंकड़ा नहीं किया पेश
मुंबई। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महिलाओं की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के बारे में पूछताछ के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर मुंबई आईं हुईं हैं। इस दौरान मंगलवार को उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की और ‘लव जिहाद के बढ़ते मामलों’ समेत राज्य में महिलाओं से जुड़े विषयों पर बातचीत की।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दावा किया कि महाराष्ट्र में लव जिहाद के मामलों में इजाफा हुआ है। हालांकि, उन्होंने लव जिहाद से जुड़ा हुआ कोई भी आंकड़ा पेश नहीं किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अध्यक्ष रेखा शर्मा और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर साझा की।
Our Chairperson @sharmarekha met with Shri Bhagat Singh Koshyari, His Excellency, Governor of Maharashtra & discussed issues related to #womensafety in the state including defunct One Stop Centres, molestation & rape of women patients at #COVID centres & rise in love jihad cases pic.twitter.com/JBiFT477IU
— NCW (@NCWIndia) October 20, 2020
आयोग के एक बयान के अनुसार शर्मा ने राज्यपाल से कहा कि राज्य में ‘लव जिहाद’ के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने आपसी सहमति से भिन्न धर्मों के लोगों के विवाह और लव जिहाद के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए इस विषय पर राज्यपाल का ध्यान आकर्षित किया। ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल कुछ दक्षिणपंथी टिप्पणीकार करते हैं और आरोप लगाते हैं कि हिंदू महिलाओं को बहला-फुसलाकर उनका धर्मांतरण कराके शादी की जाती है।
राष्ट्रीय महिला आयोगाच्या अध्यक्षा रेखा शर्मा यांनी आज राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी यांची राजभवन मुंबई येथे सदिच्छा भेट घेतली. pic.twitter.com/lhIrJXiagB
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) October 20, 2020
समाचार एजेंसी से मिली जानकारी के के अनुसार रेखा शर्मा ने इस ओर भी इशारा किया कि राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष नहीं होने की वजह से करीब 4,000 शिकायतों का निस्तारण नहीं किया जा सका है। आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार आयोग की अध्यक्ष ने आंध्र प्रदेश के दिशा कानून की तरह एक कानून बनाने की जरूरत भी बताई जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध में मुकदमा जल्दी पूरा करने और कड़ी सजा का प्रावधान हो।