हैदराबाद के शख्स ने सारी संपत्ति बेचकर जरूरतमंदों के लिए खोला ‘राइस एटीएम 24X7’, अब तक खर्च कर चुका है 50 लाख रुपये
हैदराबाद। कोरोना वायरस की त्रासदी और लॉकडाउन की तकलीफों के दौरान लोगों की परेशानियों की भी खूब चर्चा हुई। निजी तौर पर कईयों ने राशन के पैकेट्स बांटे, तो मदद के लिए कुछ लोगों ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। मुश्किल भरे इसी दौर में सोनू सूद जैसे रियल हीरो निकले। इसी सिलसिले में हैदराबाद के रामू दोसपति का नाम भी लिया जा रहा है। रामू कोई सेलिब्रिटी नहीं हैं, लिहाजा उनके कामों को कोई खास प्रचार नहीं मिल सका। हम उनके बारे में इतना बता दें कि उन्होंने जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए अपना घर बार तक बेच दिया।
लॉकडाउन की त्रासदी में रामू ने अपने आसपास कई ऐसे लोगों को पाया जो प्रवासी थे, साथ ही उनके लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ भी हो पाना मुश्किल था। रामू दोसपति को उनकी व्यथा देखते नहीं बनी, लिहाजा उन्होंने मदद की ठानी। रामू कॉर्पोरेट कंपनी में HR डिपार्टमेंट में अच्छी पोस्ट होल्ड कर रहे थे। बावजूद इसके उनके पास इतना अधिक नहीं था कि वे खुले हाथ लोगों की तकलीफें दूर कर सकें। लिहाजा उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए अपना तीन कमरों वाला फ्लैट बेच दिया। अब उनके पास अच्छी रकम थी कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कुछ बड़ा कर सकते थे।
BBCలో వచ్చిన RICE ATM కథనంతో నగరం నలు మూలల నుండి వచ్చిన ఎందరో … ఎంత వడపోసినా 200 కు పైగా కుటుంబాలకి ఈ రోజు ఆసరాగా ఉండగలిగాం 🙏 pic.twitter.com/RkAh49Jlky
— Ramu Dosapati (@dsramu) December 19, 2020
जरूरतमंदों के लिए खोला ‘राइस एटीएम’
रामू दोसपति ने बड़ी पूंजी लगाकर हैदराबाद में चौबीसों घंटे चलने वाला राइस एटीएम (Rice ATM’ – a 24X7) खोला। जहां से चावल के अलावा राशन के बाकी सामान मुहैया कराये। बीते अप्रैल 2020 से ही दोसपति का राइस एटीएम बदस्तूर चालू है। दोसपति के मुताबिक अभी तक उन्होंने लोगों का पेट भरने के लिए अपनी जेब से 50 लाख रुपए खर्च किये हैं। दोसपति का अपने काम से कोई फायदा कमाने का मकसद नहीं है। राइस ATM का आइडिया कैसे आया? इस सवाल पर दोसपति बताते हैं, “बर्थडे पर मेरे छोटे बेटे ने चिकन खाने की फरमाईश की। मैं नजदीक की दुकान से चिकन लाने चला गया। जहां मैंने एक महिला को 2000 रुपए का चिकन खरीदते देखा।” दोसपति कुछ आश्चर्य में थे और महिला से उन्होंने पूछा कि इतना अधिक चिकन किसके लिए ले जा रही हैं। महिला ने बताया कि ये आस पास रहने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए है। दोसपति को ये जानकर तब और आश्चर्य हुआ जब महिला ने अपनी मासिक आमदनी महज 6000 रुपए बताई।
250th Day at RICE ATM :
ఒక్క L.B. నగర్ రైస్ ATM దగ్గరే 250 రోజులు 25,000 వేల కుటుంబాలకు పైగా రోజుకు 100 కుటుంబాలకు అన్నం పెట్టేభాగ్యం కల్పించిన ప్రతి నేస్తానికి కృతజ్ఞతలు 🙏 pic.twitter.com/jtADqSuhKz— Ramu Dosapati (@dsramu) December 19, 2020
रामू दोसपति ने महिला से प्रेरणा लेते हुए ऐसा ही कुछ शुरू करने की योजना बनाई। दोसपति उन इलाकों में गए जहां प्रवासी मजदूर रहते थे, सभी की गिनती कर उन्होंने जरूरतमंदों की लिस्ट बनाई। उन्हें भरोसा दिलाया कि मुश्किल की इस घड़ी में वे साथ हैं और उन्हें भूखा रहने नहीं देंगे। रामू दोसपति ने बचत के डेढ़ लाख रुपए निकाले और तत्काल इससे मजदूरों की मदद करनी शुरू कर दी। रामू को तब निराशा हुई जब उन्हें अहसास हुआ कि उनकी जमा पूंजी से महज कुछ दिनों के राशन का ही इंतजाम हो सकता था। आखिरकार लोगों को खाना खिलाने के लिए रामू ने अपना प्रोविडेंट फंड भी निकाल लिया।
मदद के लिए बेचा 3 BHK मकान
दोसपति अपनी पत्नी और बच्चों के साथ फिलहाल एक कमरे के मकान में रह रहे हैं। इससे पहले उन्होंने अपने तीन कमरों का मकान लोगों को खाना खिलाने के लिए बेच दिया। रामू का हौसला ऐसा कि उन्होंने गांव की जमीन भी 38 लाख रुपए में बेच दी। एक दिन रामू के अपार्टमेंट के गार्ड ने उन्हें सूचित किया कि पचास साठ लोग उनसे मिलना चाहते हैं। लोगों ने रामू को राइस एटीएम के तौर पर बुलाना शुरू कर दिया। पत्नी और बच्चों ने भी जब प्रोत्साहित किया तो रामू ने इस उपनाम को चरितार्थ करने की ठानी।
This man spent almost ₹50 lakh, let go of his 3BHK dream to run a ‘Rice ATM’ for the needy in #Hyderabad
By- @SanchDashhttps://t.co/QdULpAvmMl pic.twitter.com/mdNm1odpHk
— Business Insider India🇮🇳 (@BiIndia) December 22, 2020
अपना सबकुछ बेच बाचकर रामू राइस ATM चला रहे हैं। जहां हर रोज सैंकड़ों की संख्या में जरूरतमंद पहुंचते हैं और अपने हिस्से का राशन लेकर जाते हैं। जो जिम्मेदारी सरकार को उठानी थी, वो बीड़ा रामू ने अपने कंधे पर ले लिया। रामू दोसपति ने जो हौसला दिखाया, अगर समाज के चंद लोग उसी जज्बे के साथ आगे बढ़ें तो कोई त्रासदी हमारा कुछ बिगाड़ नहीं सकती।