भारत बायोटेक ने विकसित की नाक से दी जाने वाली नेजल वैक्सीन, नाम दिया गया कोरोना की एकल खुराक वैक्सीन
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। भारत बायोटेक ने कोरोना को मात देने के लिए नेजल वैक्सीन तैयार की है। यानी इस वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जाएगा। कंपनी अब देश भर में इस वैक्सीन का ट्रायल करने जा रही है। इसके लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से इजाजत मांगी गई है। ज्ञात हो कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को शर्तों के साथ इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। भारत बायोटेक के मुताबिक, चूहों पर इस वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है।
भारत बायोटक ने वॉशिंगटन एडिनोवायरस कहा जाता है। यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर नाक से दी जाने वाली वैक्सीन पर शोध किया और उसके बाद इसे विकसित किया है। भारत में इसके दो चरणों (पहले और दूसरे चरण) के ट्रायल एक साथ करने के लिए मंजूरी मांगी गई है। भारत बायोटेक के मुताबिक, शुरुआत में पुणे, नागपुर, भुवनेश्वर और हैदराबाद जैसे शहरों में इसका ट्रायल किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि डीजीसीओ की मंजूरी मिलते ही फरवरी-मार्च से ट्रायल शुरू हो जाएगा।
वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि कंधे पर इंजेक्शन के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन के मुकाबले नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन अधिक प्रभावी होती है। भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन के ट्रायल के लिए 18 से 65 साल तक के लोगों को वॉलंटियर के तौर पर लिया जाएगा, ताकि ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो सके।
नाक के जरिए दी जाने वाली इस वैक्सीन को कोरोना की एकल खुराक वैक्सीन कहा गया है। इसे बनाने के लिए शोधकर्ताओं ने वायरस के स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल किया है। कोरोना वायरस शरीर की कोशिकाओं पर हमला करने के लिए इसका उपयोग करता है। इसे एडिनोवायरस कहा जाता है।