कोविड-19: भारत ने दिखाई दरियादिली, दिए 10 लाख कोरोना टिकें, गदगद हुआ नेपाल, ओली ने की पीएम मोदी की तारीफ
काठमांडू। भले ही पिछले कुछ समय से नेपाल की कम्युनिष्ट पार्टी सरकार चीन के इशारे पर नाच रही हो, लेकिन भारत ने कोविड-19 संकट में सदियों पुराने दोस्त का साथ नहीं छोड़ा। पहले पीपीई किट और वेंटिलेटर्स जैसे जरूरी सामान देकर साथ निभाया तो अब कोरोना टीके के 10 लाख डोज भेजे हैं। इस मदद से पड़ोसी देश नेपाल गदगद है और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे पीएम केपी ओली ने भारतीय समकक्ष की जमकर तारीफ की है।
केपी ओली ने गुरुवार ट्विटर पर कहा, ”ऐसे अहम समय पर जब भारत ने अपने लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत की है, नेपाल को 10 लाख टीके के उदार अनुदान के लिए मैं पीएम नरेंद्र मोदी जी, सरकार और भारत के लोगों को धन्यवाद देता हूं।” अगले ट्वीट में ओली ने लिखा, ”नेपाल एक दोस्ताना पड़ोसी के रुख की सराहना करता है।”
I thank Prime Minister Shri @narendramodi ji as well as the Government and people of India for the generous grant of one million doses of COVID vaccine to Nepal at this critical time when India is rolling out vaccination for it's own people. pic.twitter.com/uO7qQpLiSx
— K P Sharma Oli (@kpsharmaoli) January 21, 2021
भारत ने सहायता अनुदान और पड़ोस पहले नीति के तहत गुरुवार को कोविड-19 के टीके की खेप बांग्लादेश और नेपाल को भेजी। इससे एक दिन पहले भूटान और मालदीव को कोविड टीके की खेप भेजी गई थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टीके की खेप पहुंचने का चित्र ट्विटर पर साझा किया। कोविशिल्ड टीके की 20 लाख खुराक बांग्लादेश और 10 लाख खुराक नेपाल को भेजी गई है।
I thank Prime Minister Shri @narendramodi ji as well as the Government and people of India for the generous grant of one million doses of COVID vaccine to Nepal at this critical time when India is rolling out vaccination for it's own people. pic.twitter.com/uO7qQpLiSx
— K P Sharma Oli (@kpsharmaoli) January 21, 2021
अभी अधिक दिन नहीं बीते जब चीन के इशारे पर पीएम केपी ओली भारत के खिलाफ जहर उगलने लगे थे। लेकिन उस चीन ने अब तक नेपाल की ओर मदद का हाथ नहीं बढ़ाया है। दूसरी तरफ चीन के सदाबहार दोस्त ने हाथ भी फैलाई तो महज 5 लाख डोज देने का वादा किया गया है, जबकि पाकिस्तान की आबादी 22 करोड़ से ज्यादा है और नेपाल की जनसंख्या 3 करोड़ से भी कम है।