नाइजीरिया के राष्ट्रपति का ट्वीट हटाना Twitter को पड़ा भारी, सेवाओं पर लगाई अनिश्चितकाल के लिए रोक
लागोस। नाइजीरिया सरकार ने देशभर में ट्विटर की सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए रोक दी हैं जिसके चलते लाखों लोग ट्विटर का इस्तेमाल नहीं कर सके। नाइजीरिया के संचार सेवा संगठन ‘द असोसिएशन ऑफ लाइसेंस्ड टेलिकम्युनिकेशन ऑपरेटर्स’ ने एक बयान में कहा कि उसके सदस्यों ने सरकारी निर्देश के अनुसार ट्विटर की सेवाएं बंद कर दी हैं। दरअसल, शुक्रवार को नाइजीरिया सरकार ने कहा था कि वह ‘माइक्रोब्लॉगिंग साइट’ की सेवाओं पर रोक लगा रही है क्योंकि ट्विटर ने अलगाववादी आंदोलन पर किया गया राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी का ट्वीट हटा दिया है।
देश के सूचना एवं संस्कृति मंत्री लाई मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी अधिकारियों ने ट्विटर की सेवाओं पर रोक लगाने का निर्णय लिया है क्योंकि इस मंच का इस्तेमाल ‘‘ऐसी गतिविधियों के लिए हो रहा है जो नाइजीरिया के कॉरपोरेट अस्तित्व को कमजोर करने की क्षमता रखती हैं।’’ उन्होंने राष्ट्रपति का पोस्ट हटाने पर ट्विटर की आलोचना की और कहा, ‘‘नाइजीरिया में ट्विटर का मिशन संदिग्ध है’’ और ट्विटर ने पूर्व में देश की सरकार के खिलाफ भड़काऊ ट्वीट को अनदेखा किया था।
गौरतलब है कि हाल के महीनों में बिआफरा अलगाववादी संगठन पर पुलिस थानों और सरकारी इमारतों पर हमला करने के आरोप लगे थे। राष्ट्रपति का ट्वीट इसी से संबंधित था। ट्वीट में बुहारी ने कहा था कि अलगाववादियों के साथ ‘‘उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जो उन्हें समझ आती है।’’ ट्विटर ने बुहारी के इस पोस्ट को आपत्तिजनक बताते हुए बुधवार को इसे हटा दिया था। ट्विटर की सेवाएं बंद करने के सरकार के निर्णय की काफी आलोचना हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने कहा कि वह उस सोशल मीडिया पर रोक लगाने के नाइजीरिया सरकार के निर्णय की निंदा करता है जिसका इस्तेमाल देश की जनता अपने अन्य अधिकारों सहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना तक पहुंच के लिए करती है।
एमनेस्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम नाइजीरियाई अधिकारियों से गैर कानूनी रोक को तत्काल हटाने, मीडिया को नियंत्रित करने की योजनाओं को त्यागने और देश के लोगों के मानवाधिकारों का हनन बंद की मांग करते हैं।’’ नाइजीरिया में अमेरिकी मिशन ने कहा कि देश का संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। इन सब के बीच ट्विटर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह सरकार की कार्रवाई से बेहद चिंतित है। साथ ही कहा कि आधुनिक युग में स्वतंत्र एवं खुला इंटरनेट एक जरूरी मानवाधिकार है। अनुमान के मुताबिक देश में चार करोड़ लोग ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं।