स्पूतनिक वी को विकसित करने वाले संस्थान का बयान, कोरोना के हर वेरिएंट से बचाने में सक्षम है ये वैक्सीन
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया में सबसे पहले तैयार होने वाली वैक्सीन स्पूतनिक वी थी। इस रूसी वैक्सीन की प्रभावकारिता भी इस वक्त दुनिया में मौजूद सभी कोरोना वैक्सीन के मुकाबले सबसे बेहतर है। इसके अलावा भारत ने भी कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद किसी तीसरी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी सबसे पहले दी थी तो वो स्पूतनिक वी ही थी। ऐसे में इस वैक्सीन की महत्वता को लेकर एक और बात सामने आई है।
दरअसल, द गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के प्रमुख अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा है कि स्पूतनिक वी कोरोना के सभी वेरिएंट से बचाने में सक्षम है। मंगलवार को अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने अपने एक बयान में कहा, “#SputnikV का टीका लेने के बाद जो एंटीबॉडी विकसित होती है, वो कोरोना के हर वेरिएंट से रक्षा करने में सक्षम है।” आपको बता दें कि इस संस्थान ने ही रूस में वैक्सीन को विकसित किया है। स्पूतनिक को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। कुछ चुनिंदा प्राइवेट अस्पतालों को ये वैक्सीन 1,145 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से दी जा रही है।
गौरतलब है कि रूसी प्रत्यक्ष निवेश फंड ने 15 जून को एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि स्पुतनिक वी किसी भी अन्य वैक्सीन की तुलना में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावी है।
WHO ने UK स्ट्रेन को अल्फा वेरिएंट का नाम दिया है, जो पिछले साल सितंबर में केंट में पाया गया था। इस वेरिएंट में अभी तक 23 म्यूटेशन देखे जा चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ डेल्टा वेरिएंट पिछले साल अक्टूबर में भारत में पाया गया था। मई के महीने में देश के अंदर तबाही मचाने वाला डेल्टा वेरिएंट डेल्टा प्लस में म्यूटेट भी हुआ, इसी वजह से मई में कोरोना महामारी के दौरान सबसे अधिक मौतें हुई।