‘मन की बात’ कार्यक्रम भर रहा मोदी सरकार का खजाना, अब तक 30.8 करोड़ रुपये की हुई आमदनी
न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश के हर नागरिक के साथ जुड़कर अपनी भावनाएं उनतक तक पहुंचाते हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित होने वाला यह कार्यक्रम काफी लोकप्रिय हो चुका है। यही वजह है कि यह कार्यक्रम देशवासियों से संवाद के साथ ही कमाई का जरिया भी बन गया है। 2014 से शुरू हुए इस कार्यक्रम से अब तक 30.80 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है।
PM's Mann Ki Baat programme has generated revenue of Rs 30.80 crore so far. However, it is reiterated that the primary objective of the 'Maan Ki Baat' Programme of the Prime Minister is to establish dialogue with the citizens on issues of day to day Governance: Govt in Parliament
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_) July 19, 2021
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक लिखित सवाल के जवाब में राज्यसभा को बताया कि प्रसार भारती ने अब तक अपने आकाशवाणी और दूरदर्शन नेटवर्क और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 78 एपिसोड प्रसारित किए हैं। यह कार्यक्रम देश भर में केबल और डीटीएच प्लेटफार्मों पर लगभग 91 निजी सेटेलाइट टीवी चैनलों द्वारा भी प्रसारित किए जाते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राज्यसभा में 2014-15 से लेकर 2020-21 तक इस कार्यक्रम से हुई कमाई का आंकड़ा पेश किया है। जिसके मुताबिक इस कार्यक्रम से 2014-15 में 1.16 करोड़ रुपये, 2015-16 में 2.81 करोड़ रुपये, 2016-17 में 5.14 करोड़ रुपये और 2017-18 में 10.64 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई। इस कार्यक्रम से 2018-19 में 7.47 करोड़ रुपये, 2019-20 में 2.56 करोड़ रुपये और 2020-21 में 1.02 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश के इस लोकप्रिय कार्यक्रम के ऑडियंस की संख्या भी काफी अधिक है। टेलीविजन चैनलों के ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के आंकड़ों के अनुसार, 2018 से 2020 के दौरान कार्यक्रम से जुड़ने वाले ऑडियंस की कुल संख्या लगभग 6 करोड़ से 14.35 करोड़ के बीच होने का अनुमान लगाया गया है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रत्येक नागरिक को प्रधानमंत्री के रेडियो संबोधन के माध्यम से जुड़ने, सुझाव देने और सहभागी शासन का हिस्सा बनने का अवसर भी प्रदान करता है। प्रसार भारती बिना किसी अतिरिक्त खर्च के मौजूदा आंतरिक संसाधनों का लाभ उठाकर ‘मन की बात’ का प्रसारण करती है।