स्‍वच्‍छ भारत मिशन-शहरी 2.0: कचरे के ढेर व गंदे पानी से मुक्त होंगे शहर, PM ने लॉन्च किया स्वच्छता 2.0, सफाईकर्मियों को बताया ‘महानायक’

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार, 1 अक्तूबर को स्‍वच्‍छ भारत मिशन-शहरी और अटल मिशन-अमृत के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। इन अभियानों का मकसद सभी शहरों को कचरा मुक्‍त बनाना और सुरक्षित जलापूर्ति की व्‍यवस्‍था करना है। उन्होंने कहा कि 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का-ODF बनाने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है कचरा मुक्त शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त ऐसा शहर बनाना। अमृत मिशन इसमें देशवासियों की और मदद करने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहरों में शत प्रतिशत लोगों की साफ पानी तक पहुंच हो, शहरों में सीवेज का बेहतरीन प्रबंधन हो, इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है- सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्‍वच्‍छता केवल किसी एक दिवस विशेष, पखवाडे या वर्ष तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रत्‍येक दिन का एक महाअभियान है, जिसमें प्रत्‍येक व्‍यक्ति को शामिल होना है। जन-आंदोलन की ये भावना स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का आधार है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत का अगला चरण, बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है।

उन्होंने कहा कि खुश की बात यह है कि स्वच्छता अभियान को मजबूती देने का बीड़ा हमारी आज की पीढ़ी ने उठाया हुआ है। शहरों में नौजवान, तरह-तरह से स्वच्छता अभियान में मदद कर रहे हैं। कोई Waste से Wealth बना रहा है तो कोई जागरूकता बढ़ाने में जुटा है। लोगों में भी अब एक स्पर्धा है कि स्वच्छ भारत रैंकिंग में उनका शहर आगे आना चाहिए। अब ये माहौल बन रहा है कि उनका शहर स्वच्छता रैंकिंग में आगे रहे, उनके शहर की पहचान गंदगी से भरे शहर की ना हो!

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे सुखद और क्या होगा कि नई शुरुआत गांधी जयंती के एक दिन पहले हो रही है। ये अभियान बापू की प्रेरणा का ही परिणाम है, और बापू के आदर्शों से ही सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से पिछले छह-सात वर्षों में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है।

सफाई कर्मचारियों की सेवाओं की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे स्‍वच्‍छ भारत मिशन के असली नायक हैं। देश ने कोरोना संक्रमण के कठिन दौर में इनका योगदान देखा है। भारत में लगभग एक लाख टन कचरे का प्रतिदिन प्रसंस्‍करण होता है। वर्ष 2014 में कुल कचरे का 20 प्रतिशत से भी कम हिस्‍सा प्रसंस्‍कृत होता था, जबकि मौजूदा समय में 70 प्रतिशत का प्रसंस्‍करण होता है। 20 से 70 तक पहुंचे हैं। लेकिन अब हमें इसे 100 प्रतिशत तक लेकर जाना ही जाना है।

पीएम स्वनिधि योजना की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह रेहड़ी-पटरी वाले, ठेला चलाने वाले- स्ट्रीट वेंडर्स के लिए आशा की एक नई किरण बनकर आई है। आज देश के 46 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहन, स्ट्रीट वेंडर्स इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आए हैं। इनमें से 25 लाख लोगों को करीब-करीब ढाई हजार करोड़ रुपए दिए भी जा चुके हैं। स्ट्रीट वेंडर्स की जेब में ढाई हजार करोड़ पहुंचा ये छोटी बात नहीं है। ये अब डिजिटल ट्रांजेक्शन कर रहे हैं और बैंकों से जो कर्ज लिया है, वो भी चुका रहे हैं। जो स्ट्रीट वेंडर्स समय पर लोन चुकाते हैं, उन्हें ब्याज में छूट भी दी जाती है। बहुत ही कम समय में इन लोगों ने 7 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन किए हैं।

उन्होंने कहा कि अमृत मिशन के तहत 80 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इससे शहरों के बेहतर भविष्य के साथ साथ युवाओं को नए अवसर भी मिल रहे हैं। पानी का कनेक्शन हो, सीवर लाइन की सुविधा हो, अब हमें इन सुविधाओं का लाभ भी शत-प्रतिशत शहरी परिवारों तक पहुंचाना है। हमारे शहरों में सीवेज़ वॉटर ट्रीटमेंट बढ़ेगा, तो शहरों के जल संसाधन स्वच्छ होंगे, हमारी नदियां साफ होंगी। हमें इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा कि देश की किसी भी नदी में, थोड़ा सा भी पानी बिना ट्रीटमेंट के ना गिरे, कोई गंदा नाला नदी में ना गिरे।

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