कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले में ED ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे व मोजर बेयर के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर 354 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया है। एजेंसी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
ED ने यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा पुरी, उनकी कंपनी, उनके पिता व प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशकों नीता पुरी (रतुल की मां और कमलनाथ की बहन), संजय जैन और विनीत शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज करने के तीन दिन बाद की है।
CBI ने रविवार को आरोपी निदेशकों के आवासों और कायार्लयों सहित छह स्थानों पर तलाशी भी ली थी। बैंक ने एक बयान में कहा था कि रतुल ने 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनके माता-पिता बोर्ड में बने रहे। कंपनी कॉम्पैक्ट डिस्क, डीवीडी, सॉलिड स्टेट स्टोरेज डिवाइस जैसे ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया के निमार्ण में शामिल है।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने पुरी के अलावा कंपनी एवं चार अन्य निदेशकों के खिलाफ इस संबंध में मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने कंपनी के कार्यालयों एवं आरोपी निदेशकों के आवास सहित छह स्थानों पर छापे मारे गए। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें कंपनी मोजरबेयर, प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशकों – नीता पुरी, संजय जैन और विनीत शर्मा शामिल हैं।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी ने अपने खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में जारी गैर जमानती वारंट को रद्द करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली की अदालत का दरवाजा खटखटाया था। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगते हुए सुनवाई के लिए शनिवार की तारीख तय कर दी।
रतुल पुरी ने अदालत को बताया कि वह जांच में शामिल होना चाहते हैं इसलिए उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट रद्द किया जाए। अदालत ने इससे पहले पुरी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से कहा था कि पुरी सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जैसा कि वह ‘पहले कर भी चुके हैं।