ओमिक्रॉन वेरिएंट और सब-वेरिएंट पर WHO ने जारी की नई चेतावनी
नई दिल्ली। ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के सब वेरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ के एक अधिकारी ने कहा है कि, सब वेरिएंट उतना ही खतरनाक है, जितना ओमिक्रॉन वेरिएंट खतरनाक है। डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने कहा कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट का सब-वेरिएंट बीए.2 अपने मूल रूप बीए.1 जितना ही गंभीर लग रहा है। डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन वेरिएंट का सब वेरिएंट जितने देशों में फैल चुका है, उन्हें आगाह किया है और कहा है कि ऐसे देशों को पूरी तरह से सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ये वायरस किस वक्त क्या मोड़ ले लेगा, कहा नहीं जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को आगाह करते हुए कहा है कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट अभी भी कई देशों में चरम पर नहीं पहुंचा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि, “किसी भी देश के लिए कोरोना वायरस को लेकर हार मान लेना या फिर जीत की घोषणा करना जल्दबाजी है, क्योंकि ये वायरस हमारी आंखों के सामने विकसित होता रहता है।” उन्होंने कहा कि, डब्ल्यूएचओ फिलहाल चार उप-वंशों पर नजर रख रहा है। जिसमें ओमिक्रॉन वेरिएंट का सब-वेरिएंट BA.2 भी शामिल है।” उन्होंने कहा कि, ”ओमिक्रॉन कोरोनवायरस वायरस का उभरता हुआ BA.2 रूप मूल BA.1 रूप से अधिक गंभीर नहीं लगता है।”
डब्ल्यूएचओ की तकनीकी टीम की मारिया वान केरखोव ने कहा कि, “इस बात का कोई संकेत नहीं है कि ओमिक्रॉन में गंभीरता से बदलाव आया है। फिर भी ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर हम जानते हैं कि, ये वेरिएंट काफी ज्यादा संक्रामक है और तेजी से फैलता है और इसका ग्रोथरेट भी काफी ज्यादा है, लेकिन डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ये कम गंभीर है।” उन्होंने कहा कि, डेनमार्क जैसे देशों में ओमिक्रॉन सब- वेरिएंट ने ऑरिजनल ओमिक्रॉन वेरिएंट की जगह लेना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, डेनमार्क में दिसंबर और जनवरी महीने में करीब 8500 संक्रमितों को लेकर स्टडी की गई, जिसमें पता चला कि, ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट और ज्यादा तेजी से लोगों में फैलता है और वैक्सीन लिए लोगों को भी संक्रमित करता है, लेकिन इसकी गंभीरता ओमिक्रॉन जैसा ही है।
वहीं, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट का सब-वेरिएंट दुनिया के 57 देशों में फैल चुका है और सब-वेरिएंट अभी भी तेजी के साथ फैलता जा रहा है। महज 10 हफ्ते पहले अफ्रीकी देशों में मिलने के बाद ओमिक्रॉन वेरिएंट पूरी दुनिया में फैल चुका है और अभी तक पूरी दुनिया में करीब 9 करोड़ लोग ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं। डेनमार्क में की गई स्टडी में पता चला है कि, सब-वेरिएंट बीए.2 में करीब 39 फीसदी मारक क्षमता है, जबकि ओमिक्रॉन के ऑरिजनल में बीए.1 में 29 प्रतिशत मारक क्षमता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि, जिन लोगों ने वैक्सीन की खुराक ले ली है, उनमें गंभीर लक्षण होने की संभावना कम हो जाती है, जबकि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लिया है, उनके लिए ओमिक्रॉन काफी खतरनाक हो सकता है।