Vikram-S Prarambh Mission: देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस की उड़ान सफल, , जितेंद्र सिंह बोले- स्पेस इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए यह बड़ा कदम

न्यूज़ डेक्स। भारत के अंतरिक्ष संस्थान इसरो ने शुक्रवार को देश के पहले प्राइवेट रॉकेट का सफल प्रक्षेपण कर लिया है। विक्रम साराभाई के नाम पर रॉकेट विक्रम-एस आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। इस रॉकेट का निर्माण हैदराबाद की प्राइवेट कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने किया है। इस रॉकेट की लॉन्चिंग के साथ ही देश में नये युग का आगाज हो गया है। इस मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है। यह देश के अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र के प्रवेश को दर्शाएगा जिस पर दशकों से सरकारी स्वामित्व वाले इसरो का प्रभुत्व रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस को चेन्नई से लगभग 115 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा में अपने स्पेसपोर्ट से सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया। इस उड़ान के साथ ही नये भारत का आगाज हो चुका है। एक नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में इस मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है।

हैदराबाद स्थित चार साल पुराने स्टार्ट-अप ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ ने इस बहुप्रतिक्षित रॉकेट विक्रम-एस का निर्माण किया था। यह देश के अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र के प्रवेश को दर्शाएगा जिस पर दशकों से सरकारी स्वामित्व वाले इसरो का प्रभुत्व रहा है।

स्काईरूट एयरोस्पेस भारत की पहली ऐसी निजी क्षेत्र की कंपनी बन गयी है जो 2020 में केंद्र सरकार द्वारा अंतरिक्ष उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में कदम रख रही है।

विक्रम-एस सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने के बाद 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा। इस मिशन में दो घरेलू और एक विदेशी ग्राहक के तीन पेलोड को भेजा गया है।

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