भगवान शिव को प्रसन्न करने शख्स ने काटकर चढ़ा दी अपनी जीभ, गंभीर हालत में अस्पताल दाखिल
छत्तीसगढ़
दुर्ग । छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने कथित तौर पर अंधविश्वास के कारण अपनी जीभ काट ली। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के अंजोरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत थनौद गांव में 33 साल के राजेश्वर निषाद ने अपनी जीभ काट ली। निषाद को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानें क्या है पूरा मामला ?
अंजोरा चौकी के प्रभारी राम नारायण ध्रुव ने बताया कि ग्रामीणों ने जानकारी दी है कि राजेश्वर निषाद नामक युवक आज सुबह लगभग आठ बजे गांव के तालाब में पहुंचा और एक पत्थर के करीब बैठकर कुछ मंत्र पढ़ने लगा। बाद में उसने अचानक चाकू से अपनी जीभ काट ली और उसे पत्थर के करीब रख दिया।
ध्रुव ने बताया कि जब ग्रामीणों को घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने सरकारी एंबुलेंस सेवा और पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि निषाद को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक, निषाद ने अंधविश्वास के कारण इस घटना को अंजाम दिया है। वह इच्छापूर्ति के लिए भगवान शिव को अपनी जीभ चढ़ाना चाहता था। उन्होंने बताया कि निषाद के तीन बच्चे हैं और उसकी पत्नी गूंगी है।
पुलिस बच्चों और ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने निषाद द्वारा इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद कर लिया है। ध्रुव ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है।
क्या होता है जीभ कट जाने के बाद
जीभ एक मांसपेशीय अंग है, और शरीर की अधिकांश मांसपेशियों की तरह, इसमें रक्त की आपूर्ति अच्छी होती है। यदि जीभ का एक हिस्सा काट दिया जाता है, तो जीभ का ठीक होना और कुछ हद तक पुनर्जीवित होना संभव है, लेकिन पुनर्जनन की सीमा चोट की गंभीरता पर निर्भर करती है।
यदि चोट मामूली है, तो जीभ बिना किसी चिकित्सकीय हस्तक्षेप के अपने आप ठीक हो सकती है। हालाँकि, यदि जीभ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा काट दिया जाता है, तो यह पूरी तरह से वापस नहीं बढ़ सकता है। ऐसे मामलों में, क्षति को ठीक करने के लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है, और व्यक्ति को जीभ के पुनर्निर्माण या उसके कार्य में सुधार के लिए सर्जरी से गुजरना पड़ सकता है।