अलविदा अरुण जेटली : भाजपा के ‘संकटमोचक’ और PM मोदी के ‘संकट के साथी’ थे अरुण जेटली।
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। बीते काफी दिनों से बीमारी से पीड़ित अरुण जेटली ने AIMS में आखिरी सांस ली। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली का बतौर वित्त मंत्री बड़ा योगदान रहा है। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जितने भी अहम फैसले लिए, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अरुण जेटली अहम भागीदार थे। मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में जिस तरह के ताबड़तोड़ फैसले लिए, वे बिना अरुण जेटली के योगदान के शायद ही संभव होता।
श्री अरुण जेटली, कठिन से कठिन कार्य को शांति, धैर्य और गहरी समझदारी के साथ पूरा करने का अद्भुत सामर्थ्य रखते थे।
उनका देहावसान हमारे सार्वजनिक जीवन और बौद्धिक क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार और सहयोगियों के प्रति मेरी गहन शोक संवेदनाएं — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 24, 2019
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में PM मोदी के सबसे अहम और करीबी किसी को माना जाता था, तो वे थे अरुण जेटली। बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल में नोटबंदी, जीएसटी, इनसॉल्वेंसी एवं बैंकरप्शी कोड, जनधन योजना, कैश ट्रांसफर जैसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। इन सभी फैसलों का मुख्य चेहरा भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों, मगर इसके पटकथा लेखक अरुण जेटली ही माने जाते हैं।
Deeply anguished by the demise of my friend and an extremely valued colleague Shri Arun Jaitley ji. He was a proficient lawyer by profession and an efficient politician by passion.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 24, 2019
कई राजनीतिक पंडित तो अरुण जेटली को PM मोदी के लिए संकट के साथी विशेषण का इस्तेमाल कर चुके हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अरुण जेटली की न सिर्फ तारीफ कर चुके हैं, बल्कि उन्हें अपने मंत्रिमंडल का हीरा बता चुके हैं।
बख़री,बेगूसराय में भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं ने अरुण जेटली जी की याद में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित किया ।
हम सभी के लिए यह बहुत ही दुखद क्षण है। pic.twitter.com/WZYGGtW88X— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 24, 2019
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जब भी कांग्रेस या विपक्ष सरकार पर हमलावर होती थी, तब सरकार का पक्ष रखने या विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अरुण जेटली ही पहली पसंद होते थे।
Shri Arun Jaitley ji's demise is an irreparable loss for all of us.
He was an outstanding statesman & administrator who devoted his life to public service & nation’s growth
The nation is in mourning. My deep condolences to his family in this moment of grief. Om Shanti.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 24, 2019
राजनीतिक पंडित ऐसा मानते हैं कि PM मोदी के लिए अरुण जेटली खास भरोसेमंदों रहे हैं। यही वजह है कि अरुण जेटली न सिर्फ आर्थिक मोर्चों पर बल्कि अन्य सभी मोर्चों पर सरकार का सफलतापूर्वक बचाव किया करते थे। ऐसा माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुण जेटली से बिना सलाह लिए कोई फैसला नहीं लिया करते थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरुण जेटली जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिवार को इस मुश्किल वक्त में संयम दें। देश उनके योगदान को कभी नहीं भूल पायेगा। ॐ शांति।
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) August 24, 2019
अरुण जेटली दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ की राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने वाले जेटली पेशे से अधिवक्ता रहे हैं। अरुण जेटली अटल सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। अटल के कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारियां तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कैबिनेट में अरुण जेटली को सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी सौंपी थी।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रखर अधिवक्ता श्री अरुण जेटली के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारजनों एवं उनके समर्थकों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। pic.twitter.com/We6VlqbGaQ
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 24, 2019