दिल्ली-एनसीआर में पराली नहीं थर्मल पावर प्लांट से होता है ज्यादा वायु प्रदूषण, एनजीटी ने सरकार मांगा जबाव

नई दिल्ली।

राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए अक्सर पराली को खलनायक बताया जाता है, लेकिन पराली से 16 गुना अधिक जिम्मेदार एनसीआर में संचालित कोयला आधारित थर्मल प्लांट जिम्मेदार हैं। एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार आश्चर्यजनक रूप से एनसीआर के थर्मल प्लांट से प्रतिवर्ष 281 किलोटन सल्फर डाइआक्साइड (एसओ-2) उत्सर्जित होती है, जबकि 8.9 मिलियन टन पराली जलाने से 17.8 किलोटन सल्फर डाइआक्साइड उत्सर्जित होती है। इस रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सरकार से जवाब मांगा है।
जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी व पर्यावरण विशेषज्ञ ए. सेंथिल वेल की पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी), हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसी ), पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी), वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।मामले की सुनवाई 19 मार्च तक के लिए स्थगित करते हुए एनजीटी ने प्रतिवादियों को अगली सुनवाई से एक सप्ताह पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। एनजीटी ने दर्ज किया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब श्रेणी में है और एक्यूआइ 488 पहुंच चुका है।एनजीटी ने एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें स्वतंत्र थिंकटैंक ऊर्जा और स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र (सीआरईए) द्वारा हाल में किए गए अध्ययन का जिक्र है। सीआरईए ने अपने अध्ययन में पाया है कि इलाके में वायु प्रदूषण के लिए पराली जलाने से 16 गुना अधिक जिम्मेदार थर्मल पावर प्लांट हैं। इसके अलावा, दिल्ली में मौसम के हालात प्रदूषण संकट को बढ़ा रहे हैं। धीमी हवाओं और गिरते तापमान ने प्रदूषक तत्वों के फैलाव में बाधा उत्पन्न की है।मानदंडों का पालन नहीं कर रहे थर्मल पावर प्लांटसीएसई द्वारा हाल ही में किए गए एक नए विश्लेषण के अनुसार 11 पावर प्लांट उत्सर्जन नियंत्रण मानदंडों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में 11 कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.