रामलला दर्शन योजना : श्रद्धा, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम

रायपुर ।

प्रभु  रामलला दर्शन योजना केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक ऐसा आध्यात्मिक अभियान है, जो प्रदेश के लोगों के जीवन में श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का नया अध्याय जोड़ रहा है। यह योजना छत्तीसगढ़ में साय सरकार बनने के बाद शुरू की गई है। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की दूरदर्शिता और जनकल्याणकारी सोच का यह एक सशक्त प्रमाण है। इस योजना से छत्तीसगढ़ के हजारों नागरिकों को प्रभु श्रीरामलला के जन्मस्थान के दर्शन करने का लाभ मिल चुका है।योजना के अंतर्गत विशेष ट्रेन के माध्यम से श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम और काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कराए जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं, सुरक्षा और आरामदायक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इन सभी व्यवस्थाओं ने इस यात्रा को एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया है।

कबीरधाम जिले से अब तक 421 श्रद्धालु इस योजना के माध्यम से श्रीरामलला के दर्शन कर चुके हैं। धार्मिक यात्रा कर लौटे श्रद्धालुओं ने योजना की मुक्त कंठ से सराहना की। कवर्धा निवासी   विजय कुमार यादव ने कहा कि हमने वर्षों पूर्व अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन करने का सपना देखा था। मुख्यमंत्री  साय ने इसे साकार कर दिया। यात्रा के दौरान हमें ऐसा अनुभव हुआ, मानो हम अपने घर परिवार के बीच में ही हैं। भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई थी।इसी तरह गौरमाटी के  बलराम साहू ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन से मन को अपार शांति मिली। यात्रा का हर पल यादगार था। मुख्यमंत्री जी ने इस योजना के माध्यम से हम जैसे हजारों श्रद्धालुओं को एक ऐसा अवसर प्रदान किया है, जिसे हम जीवनभर नहीं भूल पाएंगे।रामलला दर्शन योजना न केवल श्रद्धालुओं के धार्मिक विश्वास को सशक्त कर रही है, बल्कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी नई ऊर्जा दे रही है। इस योजना के माध्यम से न केवल धार्मिक स्थलों के प्रति श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ा है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता भी मजबूती हुई है।

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