अबूझमाड़ की गूंज: झोरी गांव में “पेन ककसाढ़ देव जतरा” का भव्य आयोजन

दंतेवाड। 

दंतेवाडा जिले के सीमावर्ती धुर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ की घनी वन धरती पर, पारंपरिक आस्था, रीति-नीति और सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक पेन ककसाढ़ देव जतरा का आयोजन झोरी गांव में भव्यता से किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि आदिवासी समाज की एकजुटता, सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक सौहार्द्र का जीवंत प्रदर्शन भी बना।

झोरी गांव में मां मावली के सम्मान में आयोजित इस पेन जतरा झोरीगांव, रायनार, टेकानार, धनोरा, रेगाबेड़ा, कुडुली, मंडमनार, फरमापाल सहित दस से अधिक गांवों के सैकड़ों आदिवासी ग्रामीण एकत्र हुए। श्रद्धालुओं ने परंपरागत पोशाकों में सजकर पूरे उत्साह के साथ देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की।

पहली बारिश पर होता है आयोजन
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह जतरा हर वर्ष पहली बारिश के समय आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य अच्छी वर्षा, खेती की समृद्धि, पारिवारिक सुख-शांति और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए देवी-देवताओं को अर्पण चढ़ाना होता है।

सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
गांव के बुजुर्गों ने बताया कि यह जतरा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक मिलन का भी अवसर होता है। वर्षों से एक-दूसरे से दूर बसे अबूझमाड़ के कई परिवार इस आयोजन के बहाने एक स्थान पर मिलते हैं, जिससे सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्तों में मजबूती आती है।

रातभर चला पारंपरिक नृत्य और गीत-संगीत
जतरा की पूर्व संध्या पर ग्रामीणों ने पूरी रात एकत्र होकर अबूझमाड़ के प्रसिद्ध कोकरेंग नृत्य और रेलो नृत्य प्रस्तुत किए। यह सांस्कृतिक प्रस्तुतियां उत्सव की पूर्व भूमिका के रूप में आयोजित की गईं, जिन्होंने माहौल को उत्सवमय बना दिया।

धार्मिक अनुष्ठानों में दी गई आस्था की भेंट
अगली सुबह से धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत हुई, जिसमें देवी-देवताओं को अनाज, फल-फूल और बकरा, सूअर, मुर्गा जैसे पालतू पशुओं की बलि अर्पित की गई। यह क्रियाएं आदिवासी जीवनशैली की प्रकृति-पूजा और परंपरागत आस्था को प्रतिबिंबित करती हैं।

संस्कृति से जुड़ाव का माध्यम
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे न केवल परंपराएं जीवित रहती हैं, बल्कि आदिवासी पहचान और आत्मगौरव को भी बल मिलता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.