मोदी कैबिनेट ने लिये कई ऐतिहासिक फैसले, 5 दशकों से लंबित आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, एक्ट को मिली मंजूरी, एक देश, एक कृषि बाजार
न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता आज बुधवार, 3 जून को कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले किए गए जो देश के किसानों की मदद करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने में भी काफी मददगार साबित होंगे। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से कई कृषि उत्पादों को बाहर करने की घोषणा को कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में किसानों के लिए तीन बड़े निर्णय हुए हैं।
आज की कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। फसलों की खरीद-बिक्री को लेकर सभी बंदिशों को हटा दिया गया है, जिससे किसानों की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है। अब अन्नदाता देश में कहीं भी अपनी उपज को बेचने के लिए स्वतंत्र होगा। https://t.co/GnSf0kwqpo
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2020
आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन
कैबिनेट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act amended) में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। वैसे तो भारत में ज्यादातर कृषि उत्पादन में सरप्लस की स्थिति है, लेकिन इसके बावजूद कोल्ड स्टोरेज, प्रसंस्करण और निर्यात में निवेश के अभाव में किसान अपनी उपज के उचित मूल्य पाने में असमर्थ रहे हैं। जब भी शीघ्र नष्ट हो जाने वाली कृषि उपज की बंपर पैदावार होती है, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यदि पर्याप्त प्रसंस्करण सुविधाएं उपलब्ध हों तो बड़े पैमाने पर इस तरह की बर्बादी को रोका जा सकता है।
केंद्रीय कैबिनेट में लिए गए बड़े फैसले
- किसान अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकेगा और उसे ज्यादा दाम देने वालों को उत्पाद बेचने की आजादी मिली है।
- ‘वन नेशन, वन मार्केट’ की दिशा में भारत आगे बढ़ेगा, इसके लिए कानून बनेगा।
- ज्यादा कीमतों की गारंटी पर एक निर्णय हुआ। अगर कोई निर्यातक है, कोई प्रोसेसर है, कोई दूसरे पदार्थों का उत्पादक है तो उसको कृषि उपज आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा दी गई है। इससे सप्लाइ चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है।
- हर मंत्रालय में प्रॉजेक्ट डिवेलपमेंट सेल बनेगी। इससे भारत निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक और अनुकूल देश बनेगा।
- कोलकाता पोर्ट को श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम दिया जाएगा। पीएम मोदी ने 11 जनवरी को इसकी घोषणा की थी।
- फार्मोकोपिया कमिशन की स्थापना का निर्णय हुआ है। फार्मोकोपिया कमिशन होम्योपैथी ऐंड इंडियन मेडिसिन होगी। गाजियाबाद में आयुष मंत्रालय के दो लैब्स हैं। इन दोनों लैब्स का भी इसके साथ मर्जर हो रहा है।
सरकार के फैसलों से किसानों को उत्पादन से पहले ही मूल्य आश्वासन की भी गारंटी उपलब्ध होगी। कृषि सेवाओं के कॉन्ट्रैक्ट से न केवल किसानों को अत्याधुनिक जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें तकनीक और पूंजी की सहायता भी मिलेगी। इसके जरिए अन्नदाताओं का सशक्तिकरण और संरक्षण भी संभव होगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2020
किसानों को लाभ
आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के जरिए अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया जाएगा। इससे उत्पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव हो जाएगा और इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा। इससे कोल्ड स्टोरेज में निवेश बढ़ाने और सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।
ग्रामीण व उद्योगिक क्षेत्रों को सशक्त करने वाले ऐतिहासिक निर्णयों के लिए प्रधानमंत्री @narendramodi जी का अभिनन्दन करता हूँ।
• 5 दशक से लंबित आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन
• एक देश, एक कृषि बाजारजैसे निर्णय ‘अन्नदाता सुखी भव:' व आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करेंगे।
— Amit Shah (@AmitShah) June 3, 2020
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा
सरकार ने नियमों को उदार बनाने के साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की है। संशोधन के तहत यह व्यवस्था की गई है कि अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है।
कृषि उपज का बाधा मुक्त व्यापार
कैबिनेट ने कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को भी मंजूरी दे दी है। कई तरह के प्रतिबंधों के कारण किसानों को अपने उत्पाद बेचने में काफी दिक्कत आती है। कृषि उत्पाद विपणन समिति वाले बाजार क्षेत्र के बाहर किसानों पर उत्पाद बेचने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। उन्हें अपने उत्पाद सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त खरीदारों को ही बेचने की बाध्यता है। इसके अतिरिक्त एक राज्य से दूसरे राज्य को ऐसे उत्पादों के सुगम व्यापार के रास्ते में भी कई तरह की बाधाएं हैं।
पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में आज कैबिनेट ने 'एक देश, एक कृषि बाजार' हेतु अध्यादेश एवं 'आवश्यक वस्तु अधिनियम' में ऐतिहासिक संशोधन का निर्णय लिया है।
इन निर्णयों की मदद से देश के किसानों को आर्थिक मजबूती एवं उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा होगी। https://t.co/Q7HMTSCcPJ
— Smriti Z Irani (@smritiirani) June 3, 2020
अध्यादेश के लागू हो जाने से किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी। अध्यादेश से राज्य के भीतर और बाहर दोनों ही जगह ऐसे बाजारों के बाहर भी कृषि उत्पादों का उन्मुक्त व्यापार सुगम हो जाएगा जो राज्यों के कृषि उत्पाद विपणन समिति (APMC) अधिनियम के तहत अधिसूचित हैं।
इससे किसानों को अधिक विकल्प मिलेंगे। बाजार की लागत कम होगी और उन्हें अपने उपज की बेहतर कीमत मिल सकेगी। इसके अलावा अतिरिक्त उपज वाले क्षेत्रों में भी किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल सकेंगे और साथ ही दूसरी ओर कम उपज वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को भी ज्यादा कीमतें नहीं चुकानी पड़ेंगी। अध्यादेश में कृषि उत्पादों का सुगम कारोबार सुनिश्चित करने के लिए एक ई-प्लेटफॉर्म बनाए जाने का भी प्रस्ताव है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को दी मंजूरी।
यह किसान हितैषी, कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।#CabinetDecisions
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) June 3, 2020
वन नेशन-वन मार्केट
अध्यादेश का मूल उद्देश्य एपीएमसी बाजारों की सीमाओं से बाहर किसानों को कारेाबार के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराना है जिससे उन्हें अपने उत्पादों की अच्छी कीमतें मिल सकें। यह निश्चित रूप से ‘एक देश, एक कृषि बाजार (वन नेशन-वन मार्केट)’ बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा और किसानों के लिए उपज की मुंह मांगी कीमत सुनिश्ति करेगा।
किसानों को प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों से जोड़कर सशक्त बनाना
कैबिनेट ने ‘मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020’ को भी स्वीकृति दे दी है। भारतीय कृषि को खेतों के छोटे आकार के कारण विखंडित खेती के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और मौसम पर निर्भरता, उत्पादन की अनिश्चितता और बाजार अनिश्चितता इसकी कुछ कमजोरियां हैं।
जो प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल हर मंत्रालय में होगा और जो प्रोजेक्ट उस मंत्रालय के दायरे के अंदर आएंगे उनका हैंडहोल्डिंग करेंगे । उनको जमीन ठीक तरीके से जल्दी मिले हर एक कल कारखानों के स्थापना में हर दिक्कत दूर हो ये सभी व्यवस्था प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल करेगा।#CabinetDecisions pic.twitter.com/m1Qg6yrq9S
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 3, 2020
अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगा। इससे बाजार की अनिश्चितता का जोखिम प्रायोजक पर होगा और साथ ही किसानों की आधुनिक तकनीक और बेहतर इनपुट्स तक पहुंच भी होगी। इससे किसानों की आय में सुधार होगा।
फार्माकोपोइए कमीशन की स्थापना का निर्णय हुआ है। फार्माकोपोइए कमीशन फॉर होमियोपैथी (PCIM&H) इंडियन मेडिसिन है। आयुष मंत्रालय की 2 लैब है गाजियाबाद में उन २ लैब का भी इनके साथ विलयन हो रहा है। #CabinetDecisions pic.twitter.com/75hJPEVTrb
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 3, 2020
यह अध्यादेश किसानों की उपज की वैश्विक बाजारों में आपूर्ति के लिए जरूरी आपूर्ति चेन तैयार करने को निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने में एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। किसानों की ऊंचे मूल्य वाली कृषि के लिए तकनीक और परामर्श तक पहुंच सुनिश्चित होगी, साथ ही उन्हें ऐसी फसलों के लिए तैयार बाजार भी मिलेगा। बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा। किसानों को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है और समाधान की स्पष्ट समयसीमा के साथ प्रभावी विवाद समाधान तंत्र भी उपलब्ध कराया गया है।
➡️आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन
अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया जाएगा।निजी निवेशक अत्यधिक नियामकीय हस्तक्षेप के भय से मुक्त हो जाएंगे।
कोल्ड स्टोरेज में निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी।
— ROB Chandigarh (@ROBChandigarh) June 3, 2020