#International Yoga Day विशेष : PM मोदी ने योग को दिलाई अंतर्राष्ट्रीय पहचान, भारतीयों को कराया गर्व का एहसास
न्यूज़ डेस्क। 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति की कई उत्कृष्ट सफलताओं में से एक है। आज दुनिया के कोने-कोने में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग बड़े जोश के साथ योग के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों का नतीजा है कि योग को दुनिया के अधिकतर देशों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। विश्व भर में फैले कोरोना संक्रमण हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करता है, इसीलिए हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हमें नियमित रूप से (योग) प्राणायाम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पद संभालने के कुछ समय बाद, सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अपने पहले संबोधन में ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को पूरे आत्मविश्वास के साथ रखा था। संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अपनी जीवनशैली को बदलकर और चेतना पैदा करके, यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी हमारी मदद कर सकता है।” उन्होंने सदस्य देशों से अपील की कि वे “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” की उनकी मांग का समर्थन करें।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मंजूरी दिलाना कोई आसान काम नहीं था। 1980 से UNGA के नियमों के अनुसार ऐसे प्रस्तावों को केवल तभी पारित किया जाता है जब सभी देशों का बहुमत उसे मिला हो। साथ ही वो सारे देशों की प्राथमिकता से संबंधित हों और वैश्विक समस्याओं को हल करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विकास में योगदान दे। तो सच में ये एक कठिन काम था।
प्रधानमंत्री मोदी के कूटनीतिक प्रयासों ने मुश्किल काम को भी मुमकिन बना दिया। चीन के प्रारंभिक समर्थन के बाद, अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान ने काफी मदद की। मिस्र, नाइजीरिया, सेनेगल, तुर्की, इराक, ईरान और इंडोनेशिया सहित कई देशों के साथ साथ इस्लामी सहयोग समूह (OIC) के 56 में से 48 देशों का समर्थन मिला।
सऊदी अरब, मलेशिया, ब्रुनेई, और पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। ब्राजील, मेक्सिको, कोलंबिया, अर्जेंटीना के साथ-साथ अफ्रीका, एशिया-प्रशांत और कैरीबियाई में बड़े भारतीय डायस्पोरा वाले देश, सभी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। हमारे अपने क्षेत्र में अफगानिस्तान, भूटान और म्यांमार, श्रीलंका और नेपाल ने बड़े उत्साह से साथ दिया।
आखिरकार, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तावित किए जाने के सिर्फ 75 दिन बाद ही भारत को एक बड़ी जीत मिली। 11 दिसंबर, 2014 को यूएनजीए ने 193 देशों में से 177 के समर्थन के साथ इस प्रस्ताव को पास किया। इसमें सबसे बड़ी बात ये थी कि प्रस्ताव के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। भले ही लोग अनुपस्थित रहे।
पहली बार 21 जून, 2015 को विश्व योग दिवस को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ मनाया गया। यह विशेष रूप से भारत के लिए एक खास दिन था। इसका कारण यह है कि प्राचीन काल में योग का जन्म भारत में हुआ था और इस स्तर पर इसे मान्यता प्राप्त होने के कारण यह हमारे लिए गर्व का विषय था। देश में बड़े पैमाने पर इसे मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने सभी भारतीयों को गर्व का एहसास कराया। आज दुनिया के 200 देशों में करोड़ों लोग योग कर रहे हैं। योग दुनिया भर में भारत के राजदूत की तरह काम कर रहा है।
Wishing the PM @narendramodi and the people of India on the International Day of Yoga, Dr Lotay Tshering said it was rejuvenating to pause and celebrate a day that expounded meaning of emotional, mental and physical wellbeing during the pandemic.https://t.co/GEjraTa86q pic.twitter.com/GI0ZUH7qF1
— PM Bhutan (@PMBhutan) June 21, 2020
International Day of #Yoga
योग शरीर को ही रोगमुक्त नहीं करता बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक स्तर पर मानव को सशक्त, शांत और ओजस्वी बनाता है।
अच्छे स्वास्थ्य की मनो कामना के साथ अन्तर्राष्ट्रिय योग दिवस की हार्दिक शुभकामना..! pic.twitter.com/1s6ATOfoPW— Yoga Grace (@TheYogaGrace) June 21, 2020
स्वस्थ निरोगी रहने एवं मन की शांति के लिए योग करें। International Day of Yoga (अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस) pic.twitter.com/yKOHpZeoy0
— Mahesh Junwal (@MaheshJunwal) June 21, 2020
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International Yoga Day
— #MainBhiChowkidar (@Vote_4_Sickular) September 27, 2014