भारत ने चीन को फिर दिया बड़ा झटका, रेलवे ने 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की निविदा की रद्द, बोली से चीनी कंपनियों को किया बाहर
न्यूज़ डेस्क। लद्दाख में चीन-भारत के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच चीन की दुस्साहस का जवाब देने के लिए मोदी सरकार हर मोर्चे पर सख्त फैसले ले रही है। आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार ने चीन को फिर बड़ा झटका दिया है। भारतीय रेलवे ने चीन की कंपनियों को सेमी हाई स्पीड ट्रेन (Semi high speed train) सेट की बोली से बाहर कर दिया है। रेलवे जल्द ही दोबारा से नई निविदा जारी करेगी, जिसमें किसी भी चीनी फर्म को भाग लेने की अनुमति नहीं होगी।
दरअसल चेन्नई की रेलवे कोच फैक्ट्री ने 10 जुलाई को 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के विनिर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय निविदा आमंत्रित की थी। इस निविदा में चीन की कंपनियों ने भी टेंडर भरा था। अब रेलवे ने पूरी टेंडरिंग प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत इन हाई स्पीड ट्रेनों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘ 44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है। संशोधित सार्वजनिक खरीद (‘मेक इन इंडिया’ को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी।’ हालांकि, रेलवे ने निविदा रद्द करने के पीछे किसी खास कारण का उल्लेख नहीं किया।
Tender for manufacturing of 44 nos of semi high speed train sets (Vande Bharat) has been cancelled.
Fresh tender will be floated within a week as per Revised Public Procurement (Preference to Make in India) order.
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 21, 2020
सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्रालय यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पूरी तरह से घरेलू कंपनी ही इस निविदा को हासिल करे। पिछले महीने जब निविदा खोली गई तो 16 डिब्बे वाली इन 44 ट्रेनों के इलेक्ट्रिकल उपकरणों एवं अन्य सामान की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उद्यम (सीआरआरसी-पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड) एकमात्र विदेशी के रूप में उभरकर सामने आया।
जैसे ही यह महसूस किया गया कि चीनी संयुक्त उद्यम निविदा पाने के दौड में सबसे आगे है तो इसे निरस्त कर दिया गया। वर्ष 2015 में चीनी कंपनी सीआरआरसी योंगजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम की पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम बना था।
इससे पहले, लद्दाख में चीन-भारत के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच भी रेलवे ने कोविड-19 निगरानी के लिए थर्मल कैमरा की आपूर्ति के लिए उस समय निविदा रद्द कर दी थी जब एक भारतीय कंपनी ने निविदा विनिर्देशों को चीनी कंपनी के पक्ष में होने का आरोप लगाया था।