हाथरस कांड : यूपी हाथरस को दिल्ली की तरह जलाने की हुई साजिश, ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ नाम से बनाई गई वेबसाइट, इस्लामिक देशों से हुई फंडिंग, सुरक्षा एजेंसियों ने कसा शिकंजा
न्यूज़ डेस्क। कुछ दिनों पहले संगठित रूप से जिस तरह CAA के खिलाफ प्रदर्शन हुए और इसकी आड़ में दिल्ली को जलाया गया, ठीक उसी तरह हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश को जलाने और CM योगी आदित्यनाथ की छवि खराब करने की बड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ (Justice for Hathras) नाम से वेबसाइट बनाई गई थी। इसमें लोगों को भड़काने वाले कंटेंट डाले जा रहे थे। साथी ही कब और कहां पर किस तरह से हमले करने हैं, इसके भी स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। इसके लिए विदेशों से फंडिंग भी की गई थी।
सुरक्षा एजेंसियों ने एक संदिग्ध वेबसाइट का लिंक शेयर करते हुए दावा किया कि उन्होंने http://justiceforhathrasvictim.carrd.co/ नामकी एक वेबसाइट पकड़ी। इस पर पुलिस को चकमा देने और विरोध करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही थी।
आप भी देखिए जातीय दंगा भड़काने और देश को जलाने के लिए किस तरह दिशा-निर्देश दिए गए-
- किसी भी घटना से पहले प्लान करें
- दंगा करने की जगह की पहचान करें
- जरूरत पड़ने पर कहां छिपना है, पहले से तय करें
- पुलिस को देखते ही गैस मास्क पहनें
- पुलिस की कार्रवाई का वीडियो बना लें
- वैस्लीन, सनस्क्रीन, तेल ना लगाएं, इससे केमिकल का असर होगा
- कॉन्टेक्ट लैंस ना पहनें, केमिकल से आंखों को नुकसान हो सकता है
- गहने, टाई जैसी चीजें ना पहने, आसानी से पकड़े जा सकते हैं
- ब्रैंडेड कपड़े ना पहनें क्योंकि इससे पकड़े जाने का खतरा
- काले-ढीले कपड़े पहनें, पुलिस मोटे पतले की तलाश करेगी
- स्वीमिंग चश्में पहने जिससे आंखों को टियर गैस से बचा सकें
- पानी में भीगी पट्टी बांधे, इससे केमिकल से बचाव होगा
- पूरे शरीर को ढंक कर रखे जिससे मिर्ची पाउडर से बच सकें
- पैरों में स्नीकर पहनें, इससे भागने में आसानी रहेगी
- साइकिल हैट पहनें, टियर गैस से बच सकते हैं
- ग्लव्स पहनें, इससे गर्म टियर गैस को वापस भेज सकते हैं
- क्रेडिट कार्ड, ATM ना ले जाएं, कैश का इस्तेमाल करें
लोगों को भड़काने और हिंसा फैलाने की साजिश के तहत फर्जी तस्वीरें वायरल की गई, यहां तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फर्जी बयान भी वायरल किया गया। यही नहीं, पीड़ित लड़की से जुड़ी भड़काऊं बातों के नाम पर अफवाह फैलाई गई, तो पीड़ित परिवार को पैसों का भी लालच दिया गया। साथ ही अपील की गई थी कि लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में विरोध प्रदर्शन में शामिल हों।
यह वेबसाइट दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद समेत देश के दूसरे हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और मार्च आयोजित करने के लिए भड़का रही थी। महज कुछ ही घंटों में हजारों की संख्या में लोग फर्जी ID के जरिए इससे जुड़ गए। इसके बाद यूजर सोशल मीडिया पर हाथरस से जुड़ी अफवाहें और झूठी खबरें पोस्ट करने लगे। जैसे ही सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हुईं यह वेबसाइट बंद हो गई। लेकिन उस पर मौजूद मैटर एजेसियों के पास सुरक्षित है। इनमें फोटोशॉप की हुई कई फोटो, फेक न्यूज और एडिट किए हुए विजुअल हैं। इस पूरे मामले में पुलिस ने 3 अक्टूबर को IPC और IT ऐक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
सुरक्षा एजेंसियों को यह भी शक है कि CAA विरोध में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का इस वेबसाइट को तैयार करने और संचालित करने में हाथ रहा है। इसके अलावा इस वेबसाइट को इस्लामिक देशों से भारी मात्रा में आर्थिक मदद मिल रही थी। इस फंडिंग का मकसद हाथरस कांड की आड़ में बहुसंख्यक समाज में फूट डालकर दलित-मुस्लिम गठजोड़ को मजूबत करना था।
सूत्रों का कहना है कि इस साजिश के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया (Amnesty international india) से भी जुड़ रहे हैं, क्योंकि हाथरस मामले की आड़ लेकर एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया सरकार से बदला लेने की फिराक में थी, जिसने हाल ही में भारत से अपना कामकाज समेटा है। बता दें कि मोदी सरकार ने विदेशी चंदों को लेकर अनियमितता मिलने के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल के बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे।
हाथरस के इस साजिश के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे विरोधी अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के जरिए जाति और संप्रदाय पर आधारित दंगों की नींव रखकर हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं।
इन दंगों की आड़ में उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा,इसलिए वे नित नए षड्यंत्र करते हैं,इन षड्यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना है। पिछले एक सप्ताह से विपक्षी दल दंगे देखना चाहते थे। लेकिन हमें सभी षडयंत्रों के बीच आगे बढ़ने की जरूरत है। योगी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वहे यूपी को दंगों से ग्रस्त देखना चाहते हैं।
जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं।
इन दंगों की आड़ में उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा,इसलिए वे नित नए षड्यंत्र करते हैं,इन षड्यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना है। pic.twitter.com/vbo7yUgH7H
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 4, 2020