स्वदेशी-निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण, अरब सागर में टारगेट को किया हिट
न्यूज़ डेस्क। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भारतीय नौसेना के स्वदेशी-निर्मित स्टील्थ विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। INS चेन्नई से अरब सागर में टारगेट किया गया था। मिसाइल ने सटीकता के साथ टारगेट को सफलतापूर्वक हिट किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए DRDO, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है।
नौसेना ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल #BrahMos का किया सफल परीक्षण#BrahMosMissile
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— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) October 18, 2020
BRAHMOS, the supersonic cruise missile was successfully test fired today on 18th October 2020 from Indian Navy’s indigenously-built stealth destroyer
INS Chennai, hitting a target in the Arabian Sea. The missile hit the target successfully with pin-point accuracy.— DRDO (@DRDO_India) October 18, 2020
DRDO और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम NPOM द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल ‘मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज’ मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का भारतीय नौसेना के स्टील्थ डेस्ट्रॉयर, आईएनएस चेन्नई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया
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— PIB in Uttar Pradesh ?? Mask yourself? (@PibLucknow) October 18, 2020
भारत ने पिछले कुछ सप्ताह में कई मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिनमें सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 शामिल हैं। भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य का भी परीक्षण किया है। रूद्रम-1 के सफल परीक्षण को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि यह भारत का प्रथम स्वदेश विकसित एंटी रेडिएशन हथियार है। मिसाइलों का परीक्षण ऐसे वक्त में किया गया है, जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध चल रहा है। भारत ने 30 सितंबर को ब्रह्मोस के सतह से सतह पर मार करने वाले नये प्रारूप का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी (जो मूल रूप से थी) से बढ़ाकर 400 किमी की दूरी तक की गई है। भारत ने लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर सामरिक महत्व के कई स्थानों पर काफी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात किया हैं।