मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर उद्योग मंत्री लखमा ने किया बाढ़ प्रभावित सुकमा-कोंटा और भोपालपट्टनम क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण
सुकमा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के निर्देश पर प्रदेश के वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने आज यहां सुकमा और जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से हुई क्षति का जायजा लिया। उन्होंने सुकमा जिले के छिंदगढ़, सुकमा और कोंटा तहसील तथा बीजापुर जिले के भोपालपट्नम तहसील में वर्षा एवं शबरी व इंद्रावती नदी में आई बाढ़ से प्रभावित विभिन्न गांवों में हुई क्षति का हेलीकाॅप्टर से जायजा लिया। इस अवसर पर उनके साथ बस्तर के सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, नारायणपुर विधायक चन्दन कश्यप, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एनके खाखा भी मौजूद थे। श्री लखमा ने जिले में बाढ़ से हुए मकान और अन्य सम्पत्ति के नुकसान के लिए प्रभावित सात व्यक्तियों को मौके पर सहायता राशि के चेक प्रदान किए।
श्री लखमा ने बताया कि उन्होंने जिले के तालनार, ओलेर, कोतरा सहित अन्य कई गांवों का जगदलपुर से सुकमा आते समय हेलीकाॅप्टर से देखा, उन्होंने बताया कि बाढ़ से काफी नुकसान हुआ हैं। श्री लखमा ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि शीघ्र बाढ़ और बारिश से हुई क्षति का व्यापक सर्वे कर रिर्पोट शासन को भेंजे, इससे शीघ्र प्रभावितों को नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सहायता प्रदान की जा सके। श्री लखमा ने कहा कि सुकमा में आई इस त्रासदी को देखने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज यहां सुकमा आने का कार्यक्रम निर्धारित था। परन्तु उन्हें अति आवश्यक कार्य से दिल्ली जाना पड़ा, इसलिए वे नहीं आ पाए। उन्होंने मुझे और राजस्व एवं आपदा विभाग के सचिव को भेजा हैं। श्री लखमा ने कहा कि विगत पन्द्रह दिनों से पूरे संभाग में भीषण बारिश के कारण बाढ़ की भीषण स्थिति निर्मित हुई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल स्थिति पर पूरी तरह नजर रखे हुए थे बाढ़ प्रभावितों को राहत के संबंध में लगातार निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस भीषण बाढ़ की स्थिति में पूरे प्रशासन ने बहुत अच्छा कार्य करते हुए जन-धन हानि से लोगों को बचाया। मंत्री ने सभी बाढ़ वास्तविक बाढ़ प्रभावित लोगों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनुसार शीघ्र सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इस दौरान बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो इस स्थिति का बेजा फायदा उठाने की कोशिश करते हैं और बिना किसी हानि के भी आर्थिक सहायता प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने सिर्फ बाढ़ प्रभावित लोगों को ही आर्थिक सहायता प्राप्त हो, इसके लिए पूरी पारदर्शिता के साथ करने के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ के कारण शासकीय एवं सार्वजनिक संपत्तियों के हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर तत्काल अधोसंरचनाओं के निर्माण के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण कई क्षेत्र अभी जलमग्न हैं। बाढ़ का पानी उतरने के बाद राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों का संयुक्त दल बाढ़ प्रभावित इन क्षेत्रों में पहुंचकर बाढ़ से हुई हानि का वास्तविक सर्वेक्षण शीघ्र करे और बाढ़ प्रभावितों को आर्थिक सहायता दे।
श्री लखमा ने कहा कि प्रशासन का सहयोग जनप्रतिनिधियों ने दलगत राजनीति से उपर उठकर किया, इसके लिए उन्होंने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया हैं। श्री लखमा ने जिले के मीडिया प्रतिनिधियों के कार्य को भी सराहा। उन्होंने कहा कि बाढ़ और वर्षा की स्थिति तथा प्रभावितों की पल-पल की खबर उन्होंने पहुंचाई। जिससे प्रशासन को राहत और बचाव कार्य में सहयोग मिला। यही कारण है कि इतनी अधिक वर्षा और बाढ़ से जिले में किसी भी तरह जन हानि नहीं हुई हैं। प्रभावितों को जिले भर में राहत शिविर के माध्यम से जिला प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत कर प्रभावितों को राहत पहुंचाई। श्री लखमा और अन्य जनप्रतिनिधियों ने सुकमा के पावारास पहुंचकर बाढ़ प्रभावितों से मिले। इसी तरह से सुकमा के हाईस्कूल में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में ठहरे लोगों से मिलकर उनसे बाढ़ से हुए नुकसान इत्यादि की जानकारी ली एवं राहत शिविर की व्यवस्था और सुविधाओं को देखा। श्री लखमा ने कहा कि जिले के कलेक्टर ने रात दिन एक कर राहत कार्यों का संचालन करवाया। कलेक्टर श्री चन्दन कुमार की तबियत खराब होने के कारण आज यहां नहीं आ पाए। श्री लखमा स्वयं कलेक्टर को देखने उनके निवास पहुंचे और स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना।
राजस्व विभाग के सचिव श्री एन के खाखा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वे भारी बारिश एवं बाढ़ का जायजा लेने आए हैं। राजस्व प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र ही व्यापक सर्वे कर रिर्पोट शासन को प्रेषित करें। जिससे लोगों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति की जा सके। अतिवृष्टि के कारण घरों की हुई क्षति के कारण प्रभावितों को आर्थिक सहायता के साथ बांस बल्ली भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। श्री खाखा ने बताया कि अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावितों के लिए जिले भर में राहत शिविर खोले और प्रभावितों को वहां ठहराया गया। उनके खाने-पीने तथा उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था की गई है जो सराहनीय हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत सुकमा के अध्यक्ष श्री हरीश कवासी, नगर पालिका अध्यक्ष सुकमा लक्ष्मी बाई सहित जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अपर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।