कांग्रेस शासन में छत्तीसगढ़ बन गया था अपराधगढ़: किरणदेव
रायपुर।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कानून-व्यवस्था और अपराध को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन को मुद्दाविहीन कांग्रेस का राजनीतिक प्रदर्शन बताया है। देव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सशक्त नेतृत्व में भाजपा की प्रदेश सरकार में सबको न्याय मिलने की गारंटी है और सबको न्याय मिल रहा है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि सभी की मुकम्मल सुरक्षा का समुचित उपाय प्रदेश सरकार ने किया है, जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में अपराधी बेलगाम थे और अपराधियों को संरक्षण देने का काम होता था। कांग्रेस के राज में जो पीड़ित होते थे, उनकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई थी। कांग्रेस शासनकाल में अंजाम दिए गए ऐसे तमाम अपराधों पर अब भाजपा सरकार कार्रवाई कर रही है और अपराधियों को सींखचों के पीछे डाल रही है। देव ने कहा कि इससे अधिक शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि कांग्रेस के शासन में कांग्रेस के ही विधायक तक तत्कालीन गृह मंत्री के सामने यह बोलते थे कि पुलिस एफआईआर नहीं लिखती है और सब्जी वालों, टमाटर वालों से भी पैसे वसूली करती है। देव ने कहा कि आज कानून-व्यवस्था के नाम पर प्रलाप करते कांग्रेसी पहले यह बताएँ भूपेश सरकार के समय आखिर हो क्या रहा था? प्रदेश में सरकार चल रही थी या माफिया गुंडाराज? एनएसयूआई के अध्यक्ष शराब दुकानों से अवैध वसूली कर रहे थे। कांग्रेस के लोग यह कतई न भूलें कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ अपराधियों का गढ़ बन गया था और अपराधी तमाम अपराध पुलिस की नाक के नीचे संगठित गिरोह बनाकर अपराध कर रहे थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि अब भाजपा की सरकार है, जिसके शासन में अपराधियों को पकड़ा जाता है, हर अपराध की एफआईआर लिखी जाती है। यहाँ पर कोई अपराधी बच नहीं सकता। अपराधियों में खौफ कायम हो रहा है और कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ जो अपराध गढ़ बन गया था, उसे फिर से शांति का टापू बनाने के लिए भाजपा की प्रदेश सरकार संकल्पित है और उस दिशा में सुविचारित रणनीति बनाकर काम कर रही है। देव ने कहा कि दरअसल कानून-व्यवस्था तो कांग्रेस के लिए एक बहाना भर है। कांग्रेसी कानून-व्यवस्था का प्रलाप मचाकर खुद के मृत संगठन को जिंदा करने का प्रयास कर रही है, लेकिन प्रदेश की जनता जनार्दन कांग्रेस के झूठ, झाँसों व प्रपंच की राजनीति से भलीभाँति वाकिफ हो चुकी है, पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनावों के नतीजे इस बात की तस्दीक़ कर रहे हैं।