मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना बना वरदान

रायपुर ।

रामकृष्ण साहू एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जो एक निजी कंपनी में अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत हैं और उनकी पत्नी जांत्री साहू घर पर ही छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है। उनकी 8 वर्षीय बेटी नित्या की हंसी-खुशी भरी जिंदगी उस दिन अचानक बदल गई, जब खेलते समय वह गिर गई। परिवार ने तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया। जांच में खुलासा हुआ कि नित्या दुर्लभ और गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से पीड़ित है। यह बीमारी शरीर की तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों को कमजोर कर देती है। नित्या की बीमारी ने पूरे परिवार को गहरे चिंता में डाल दिया।मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना भी संचालित की जा रही है, जिससे दुर्ग जिले के ग्राम बोरई की निवासी रामकृष्ण साहू के बिटिया को नया जीवन मिला है।

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना बनी जीवनदायिनी
आर्थिक चुनौतियों के बीच उपचार की शुरुआत करते हुए रामकृष्ण और जांत्री ने अपनी बेटी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए। चार महीने तक अस्पताल में नित्या का इलाज चला। इलाज के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति निरंतर कमजोर होता गया। इलाज का खर्च मध्यम वर्गीय परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया। इस कठिन समय में रामकृष्ण ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत आवेदन किया। संवेदनशील मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने उनकी अपील पर त्वरित कार्रवाई की। आवेदन करने के कुछ ही दिनों के भीतर उन्हें 1 लाख 75 हजार रूपए की सहायता राशि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से प्रदान की गई। यह सहायता राशि उनके जीवन में उम्मीद की एक नई किरण बनकर आई। रामकृष्ण ने बताया कि “सरकार की इस मदद ने हमारी बेटी को एक नया जीवन दिया। आज नित्या पूरी तरह स्वस्थ है और फिर से अपनी सामान्य जिंदगी जी रही है। रामकृष्ण ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना ने हमारे जीवन को एक नई रोशनी दी, जिससे मेरी बेटी को नवजीवन मिला। रामकृष्ण साहू ने कहा कि हमारा परिवार मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की इस संवेदनशील सहायता के प्रति आजीवन आभारी रहेगा।

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