दहेज के लिए सिपाही ने पत्नी को दे दी दर्दनाक मौत, इस तरह हुआ साजिश का खुलासा
उत्तरप्रदेश
भदोही । दहेज के लिए सिपाही ने पत्नी की करंट लगाकर हत्या की फिर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फांसी पर लटका दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही कॉन्स्टेबल को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है। फिलहाल, आरोपी पति और उसकी मां को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। पूरा मामला उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के नारायण कालोनी का है।
हत्या को खुदकुशी का रूप देने की कोशिश
दरअसल पुलिस को 7 मई को पुलिस को सूचना दी गई की कॉन्स्टेबल रत्नेश कुमार की पत्नी ने फांसी लगाकर जान दे दी है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।भदोही पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि महिला की मौत करंट से हुई है। फिर उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था।
पुलिसकर्मी और उसकी माँ समेत 3 के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज
इस मामले में मृतका के परिजनों ने आरोपी पुलिसकर्मी और उसकी मां सहित तीन पर दहेज हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। आरोपी ने शुरुआत में हत्या की बात से इंकार करता रहा। हालांकि सख्ती से पूछताछ में आरोपी ने पत्नी की हत्या की बात स्वीकार कर ली।
पत्नी को करंट देकर उतारा मौत के घाट
आरोपी सिहापी दहेज को लेकर आए दिन पत्नी के साथ मारपीट करता था। वारदात वाले दिन भी उसने पत्नी को दहेज को मारपीट की। महिला ने जब इसका विरोध किया तो उसकी योजनाबद्ध तरीके से करंट लगाकर पहले तो तड़पा-तड़पाकर मार दिया। फिर उसे सुसाइड का रूप देने के लिए फांसी से लटका दिया। आरोपी पुलिसकर्मी रत्नेश, उसकी मां पानदेवी व अंशु को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
इस घटना से पुलिस की छवि हुई धुमिलः भदोही एसपी
इस मामले में भदोही एसपी मीनाक्षी कात्यान ने कहा कि प्रकरण के प्रारंभिक जांच से कॉन्स्टेबल के विरुद्ध आपराधिक अभियोग पंजीकृत होने व उसके गिरफ्तार होकर जेल जाने से पुलिस की छवि धूमिल हुई है। कॉन्स्टेबल के स्वयं अपराध में शामिल होने के कारण दंड एंव अपील नियमावली 1991 में प्रदत्त अधिकारों के तहत निलंबित कॉन्स्टेबल को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है। फिलहाल, आगे की कार्यवाही प्रचलित है।