चीते का परिवार बढ़ाने मादा से कराया मिलन, प्यार में हिंसक चीतों ने दक्षा की ली जान

न्यूज़ डेस्क। कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। अब मादा चीते दक्षा की जान चली गई है। पिछले करीब 40 दिनों में तीन चीतों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस बार वजह कुछ अलग है। दो चीतों की बीमारी से मौत के बाद अब सहवास के दौरान आपसी संघर्ष में मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि चीतों के मिलान के दौरान नर चीता मादा पर हिंसक हो गया और इसी वजह से दक्षा की जान चली गई। दक्षा का मिलान दक्षिण अफ्रीका से आए वायु और अग्नि से कराया गया था।

चीते की मौत के बाद एक प्रेस नोट में पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया गया है। कूनो नेशनल पार्क की ओर से बताया गया है कि 9 मई को मादा चीता दक्षा घायल अवस्था में मिली। उसे उपचार के लिए ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। इसमें बताया गया है कि विशेषज्ञों की राय के मुताबिक, चीतों का मिलान कराया गया था। लेकिन इस दौरान नर चीतों ने दक्षा पर हमला कर दिया।

आधिकारिक सूचना में कहा गया है कि 30 अप्रैल को कूनो में हुई बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के महानिरीक्षक डॉ. अमित मल्लिक, भारतीय वन्यजीव संस्था के डॉ. कमर कुरैशी, दक्षिण अफ्रीका से आए प्रो. एड्रियन टोर्डिफ और दक्षिण अफ्रीका से आए चीता मेटा पॉपुलेशन इनिशिटिव के मिस्टर विन्सेट वेन डर मार्व मौजूद थे। इस बैठक में बाड़ा 7 में मौजूद दक्षिण अफ्रीका से आए चीता अग्नि और वायु को मादा चीते दक्षा से मिलान का फैसला लिया गया। 1 मई को दोनों के बाड़ा के बीच गेट को घोला गया। इसके बाद 6 मई को मादा चीते के बाड़े में नर चीता दाखिल हुआ। बताया गया है कि मादा चीता दक्षा पर पाए गए घाव पहली नजर में मेल से हिंसक इंटरेक्शन की वजह से हुए लगते हैं। बताया गया है कि मिलान के दौरान मादा चीते पर नर का हिंसक होना सामान्य है।

दक्षा से पहले इसे पहले उदय और साशा नाम के चीतों की मौत हो चुकी है। करीब 7 दशक पहले भारत से लुप्त हो चुके चीतों को दोबारा भारत में लाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रॉजेक्ट लॉन्च किया है। इसके तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया जा चुका है। पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी ने चीतों को कूनो में छोड़ा था। पिछले दिनों एक मादा चीते ने 4 शावकों को जन्म दिया था।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.