पेरिस ओलंपिक: CAS के फैसले से चमकी एथलीट की किस्मत,अब मिला ब्रॉन्ज मेडल
नई दिल्ली ।
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के मामले में 13 अगस्त तक फैसला सुनाने की घोषणा की है, विनेश से पहले CAS ने रोमानिया की जिमनास्ट एना बारबोसु को न्याय दिया है. इससे भारतीय पहलवान की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं. बता दे कि पेरिस ओलंपिक के महिला आर्टिस्टिक जिमनास्टिक के फ्लोर इवेंट में अमेरिका की जॉर्डन चाइल्स ने 13.766 पॉइंट्स के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वहीं रोमानिया एना बारबोसु 13.700 पॉइंट्स के साथ चौथे स्थान पर रही थीं. बारबोसु ने चाइल्स को गलत तरीके से पॉइंट देने के खिलाफ CAS में अपील की थी. इस मामले में सुनवाई पूरी होने का बाद CAS ने बारबोसु के चैलेंज को सही ठहराया है. कोर्ट ने माना कि ओलंपिक के जजमेंट पैनल ने गलत तरीके से पॉइंट्स में इजाफा किया, जिससे चाइल्स पांचवें से तीसरे स्थान पर चली गईं. इस फैसले के बाद चाइल्स के पॉइंट्स में कटौती हुई और वो वापस 13.666 पर पहुंच गई हैं।
इस तरह CAS ने ऐना बारबोसु के साथ न्याय किया और फाइनल में हारने के बावजूद अब इंटरनेशनल जिमनास्टिक फेडरेशन (FIG) ने रोमानिया की जिमनास्ट को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया है. दरअसल, जॉर्डन चाइल्स ने परफॉर्मेंस के दौरान फ्लोर पर कुछ गड़बड़ी पाई. इसके बाद उन्होंने जजमेंट पैनल के सामने ‘डिग्री ऑफ डिफिकल्टी’ की शिकायत की. पैनल ने उनकी बात मानते हुए एक्स्ट्रा पॉइंट्स दे दिए. बाद में एना बारबोसु ने इसका विरोध किया. उनका मानना था कि शिकायत करने के लिए 1 मिनट की डेडलाइन होती है. चाइल्स ने डेडलाइन खत्म होने के बाद ‘डिग्री ऑफ डिफिकल्टी’ का मुद्दा उठाया, इसलिए उन्हें पॉइंट्स नहीं दिए जाने चाहिए थे।