कांग्रेस के दबाव में रिमोट कंट्रोल भाजपा सरकार हरेली तिहार मनाने हुई मजबूर

रायपुर ।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा के जो नेता पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार द्वारा हरेली तिहार के सरकारी आयोजन पर सवाल खड़े किया करते थे, आज तमाम किंतु परंतु के बाद बेमन से ही सहीं, आयोजन की नकल करने के लिए बाध्य तो हुए हैं, यह भाजपाईयों के अहंकार की हार और छत्तीसगढ़िया संस्कृति और छत्तीगढ़ की जनता के स्वाभीमान की जीत है।


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपाईयों को छत्तीसगढ़ के तीज- त्यौहार, प्रथा-परंपरा, खान-पान, रीति-नीति से नफ़रत है, भारतीय जनता पार्टी पहले भी छत्तीसगढ़ में सत्ता में रही लेकिन छत्तीसगढ़ी की संस्कृति की समृद्धि के लिए कोई काम नहीं किया। छत्तीसगढ़िया संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का काम पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के दौरान हुआ। छत्तीसगढ़ में पहली बार हरेली के पर्व पर अवकाश की घोषणा पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने किया, साथ ही मुख्यमंत्री आवास सहित तमाम जिला और ब्लॉक स्तर पर सरकारी आयोजन की शुरुआत की गई। हरेली के दिन सही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत करने की परंपरा भी शुरू की गई जिसमें गेड़ी दौड़, पिट्ठूल, दौड़ नारियल, फुगड़ी, कबड्डी, खो खो, कुर्सी दौड़ सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाने लगा। भाजपा की सरकार आने के बाद से दुर्भावनापूर्वक हरेली तिहार से शुभारंभ होने वाले छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को बंद कर दिया गया।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार पर छत्तीसगढ़िया विरोधी होने का आरोप लगाते हुये कहा है कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है और इसीलिए किसानों के लिए कृषि मजदूरों के लिए और पशुपालकों के लिए हरेली त्यौहार बेहद महत्वपूर्ण होता है लेकिन छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद न गौ सेवा के लिए कोई काम हो रहे हैं, ना ही किसानों के हितों का संरक्षण हो पा रहा है। किसान न्याय योजना की चौथी किस्त खा गये, भूमिहीन कृषि श्रमिक न्याय योजना बंद कर दी, फसल बीमा का बुरा हाल है, नकली खाद, नकली बीज, नकली दवा भाजपा सरकार के संरक्षण में सरेआम बिक रहे है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि हरेली छत्तीसगढ़ के किसानों का पारंपरिक त्यौहार है। इस अवसर पर नांगर, गैती, रापा जैसे खेती के औजारों को धोया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। गौवंशियों की पूजा होती है। ग्रामीण जीवन में हरेली त्यौहार का बेहद महत्व है। हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ के धार्मिक महत्व के साथ-साथ सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। जिस तरह से 1 मई को बोरेबासी दिवस का भाजपाई पहले मजाक उड़ाते थे, फिर खुद भी नकल करने लगे, उसी तरह से दो दिन पहले तक हरेली के संदर्भ में भी भाजपाइयो को हिकारत थी। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं ने हर्षोल्लास के साथ पारंपरिक हरेली तिहार के आयोजन की तैयारी की है, जिससे घबराकर अब भाजपा की सरकार ने भी आनन फानन में हरेली तिहार बनाने की घोषणा की है।

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