असम चुनाव: असम में कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी, कहा- एक चायवाला आपके दर्द को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा

न्यूज़ डेस्क। पश्चिम बंगाल में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में चुनावी सभा को संबोधित किया। असम में चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा साधा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार असम के चाबुआ में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे यह देखकर तकलीफ हुई कि इस देश की एक ऐसी पार्टी जो सबसे पुरानी पार्टी, जिसने इस देश पर 50-55 साल शासन किया। ऐसी कांग्रेस पार्टी आज भारत की चाय की पहचान को मिटाने वालों का खुलेआम समर्थन कर रही है। कांग्रेस आज उस पार्टी के साथ गठबंधन के साथ मैदान में उतरी है जो असम की अस्मिता, असम की संस्कृति के लिए अपने आप में एक बहुत बड़ा खतरा है, बहुत बड़ा संकट है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आपने एक टूलकिट की चर्चा सुनी होगी, इस टूलकिट में असम की चाय और हमारे ऋषि मुनियों द्वारा दिए गए योग को दुनिया में बदनाम करने की योजना तैयार की गई। ऐसी साजिश रचने वालों को कांग्रेस पार्टी समर्थन करे और असम में वोट मांगने की हिम्मत करे। कांग्रेस को हम माफ कर सकते हैं क्या? प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के नौजवानों को नए अवसर देने के लिए, असम में उद्योगों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए, असम की महिलाओं को और सशक्त करने के लिए, असम के किसानों की आय बढ़ाने के लिए, भाजपा सरकार निरंतर काम कर रही है। मैं असम में या पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में जाता हूं, बहुत गौरव से वहां की संस्कृति से जुड़कर मुझे आनंद आता है। अब जैसे मुझे ये गमछा पहनाया गया, मेरे लिए बड़े गर्व और सम्मान का विषय होता है। लेकिन कांग्रेस इसका भी मजाक उड़ाती है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि एक चायवाला, आपके दर्द को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि टी गार्डन्स में काम करने वाले श्रमिक साथियों का जीवन स्तर सुधारने के लिए NDA सरकार का अभियान और तेज किया जाएगा। यहां 5 साल पहले ब्रह्मपुत्र पर पुलों की स्थिति क्या थी, ये आप भलीभांति जानते हैं। नए ब्रिज तो छोड़िए जो सालों पहले अटल जी की सरकार ने शुरु किए थे, उन्हें भी कांग्रेस सरकारों ने लटका दिया था। हमने इन प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से पूरा किया। पिछले पांच सालों में NDA सरकार ने असम के विकास के लिए एक मजबूत ठोस नींव रखी है। इस नींव पर असम के तेज विकास की सशक्त इमारत खड़ी करने का समय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस खुलेआम उन ताकतों का समर्थन कर रही है, जो असम की चाय की पहचान को समाप्त करना चाहती हैं और चाय उद्योग को नष्ट करना चाहती हैं। ऊपरी असम के इस शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज्य के सबसे पुराने उद्योग के ‘‘गौरव एवं वैभव’’ के साथ खिलवाड़ कर रही है। एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां चाय बागान के श्रमिकों के साथ वार्ता की थी। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक ‘‘षड्यंत्र’’ के तहत दुनिया भर में मशहूर असम की चाय और योग को बदनाम करने के लिए एक टूलकिट का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘असम की चाय के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। आप सबने टूलकिट के बारे में सुना होगा। इसमें असम के चाय बागानों को खत्म करने की बात थी। कोई भी भारतीय ऐसा नहीं होने देगा।’’ प्रधानमंत्री संभवत: स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के विवादास्पद टूलकिट का जिक्र कर रहे थे, जिसे थनबर्ग ने ट्वीट किया था और फिर उसे डिलीट कर दिया था। इसमें लोगों को किसान आंदोलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम बताया गया था।

उसमें कथित तौर पर उल्लेखित बिंदुओं में एक यह भी था कि ‘‘भारत की योग और चाय की छवि को खराब किया जाए।’’ मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ऐसी ताकतों का समर्थन कर रही है। और ऐसा करते हुए भी वे यहां आकर चाय बागान के श्रमिकों से वोट मांगने की धृष्टता कर रहे हैं। वे इतना नीचे गिर गए हैं। उन्हें दंड मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक चायवाला से बेहतर चाय श्रमिकों की समस्याओं को कौन समझ सकता है।’’ प्रधानमंत्री मोदी अपने पुराने दिनों को याद कर रहे थे, जब गुजरात में वह एक बालक के तौर पर रेलवे स्टेशन पर और ट्रेनों में चाय बेचते थे। असम की चाय विधानसभा चुनावों के दौरान चुनावी विमर्श का हिस्सा रही है। इस महीने के शुरू में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने असम में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ‘मेखला चादर’ पहनी थी। उन्होंने झूमर नृत्य भी किया था और चाय की पत्तियां तोड़कर उन्हें अपनी पीठ पर रखी टोकरी में डालना सीखा था। राहुल गांधी ने असम में चुनाव प्रचार करते हुए चाय बागान श्रमिकों की कम मजदूरी की आलोचना की थी। राहुल गांधी ने असम में शिवसागर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘असम के चाय बागान मजदूरों को 167 रुपये दिहाड़ी के रूप में मिलते हैं जबकि गुजरात के व्यापारियों को चाय बागान मिलते हैं। हम चाय बागान के मज़दूरों की दिहाड़ी बढ़ाकर 365 रुपये प्रतिदिन करेंगे। पैसा कहां से आएगा? यह गुजरात के व्यापारियों से आएगा।’’

चाय बागानों के मजदूरों की दिहाड़ी 167 रुपये से बढ़ाकर 365 रुपये करने का वादा कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल है, जो गांधी ने शनिवार को जारी किया था। गांधी ने शुक्रवार को चाय बागान श्रमिकों के साथ दोपहर का भोजन किया था। उन्होंने घोषणा की कि कांग्रेस यह बढ़ोतरी राज्य में अपनी सरकार बनने के छह घंटे के भीतर लागू होगी। मोदी ने कहा कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने श्रीलंका के चाय बागानों की तस्वीरें जारी की थीं और उससे पहले ताइवान के चाय बगानों को असम के चाय बगान बताए थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गलती एक बार हो सकती है, लेकिन जब बार-बार होती है तो यह मानसिकता को दर्शाती है। यह असम की खूबसूरत धरती से अन्याय है और उसका अपमान है।’’ उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘जो लोग असम की ‘अस्मिता’ की बात करते हैं, उनके चेहरे बेनकाब हो गए हैं।’’ चाय बागान श्रमिकों की दिहाड़ी में वृद्धि के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह ‘‘झूठ फैला रही है।’’

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.